सजा देने में MP देशभर में अव्वल, पिछले 2 साल में 32 को मिला मृत्युदंड

Edited By Jagdev Singh, Updated: 10 Dec, 2019 02:35 PM

mp leads country sentence 32 got death penalty last 2 years

मध्य प्रदेश जघन्य अपराधों के आरोपितों को सजा देने के मामले में पहले स्थान पर है। पिछले 2 साल में जघन्य अपराधों के 32 आरोपितों को मृत्युदंड की सजा दी गई है। इसकी जानकारी लोक अभियोजन महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा ने मालनपुर के विकास भवन में प्रेस...

ग्वालियर (अंकुर जैन): मध्य प्रदेश जघन्य अपराधों के आरोपितों को सजा देने के मामले में पहले स्थान पर है। पिछले 2 साल में जघन्य अपराधों के 32 आरोपितों को मृत्युदंड की सजा दी गई है। इसकी जानकारी लोक अभियोजन महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा ने मालनपुर के विकास भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। विकास भवन में रविवार को जिला अभियोजन अधिकारी, सहायक अभियोजन अधिकारियों की संभागीय कार्यशाला हुई। बतौर मुख्य अतिथि हाईकोर्ट ग्वालियर के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा शामिल हुए। एडीजी डीपी गुप्ता, कलेक्टर छोटे सिंह, एसपी रूडोल्फ अल्वारेस, न्यायाधीश एचके कौशिक, एसके गुप्ता, जिला अभियोजन अधिकारी प्रवीण दीक्षित मौजूद रहे। कार्यशाला में 35 अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।

न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि अपराध हमेशा समाज के खिलाफ होता है। भले ही वह अपराध चोरी हो, हत्या हो या किसी व्यक्ति को गंभीर रूप से चोट पहुंचाता हो। आपराधिक घटना भले ही एक व्यक्ति के खिलाफ अंजाम दी गई हो, लेकिन नुकसान पूरे समाज को उठाना पडता है। जब किसी अपराध को अंजाम दिया जाता है तब अभियुक्त के खिलाफ मामले को राज्य के जरिए अदालत तक पहुंचाया जाता है। राज्य इस जिम्मेदारी को समझता है कि किसी अपराध का होना राज्य के अस्तित्व के खिलाफ है। समाज में अपराध की रोकथाम उसी के जिम्मे है।

इसलिए ऐसी घटनाओं को एक न्यायोचित परिणाम तक पहुंचाना राज्य की ही जिम्मेदारी बनती है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा न्यायिक प्रक्रिया के तीन अभिन्न भाग हैं। पुलिस, अभियोजन और न्यायालय। तीनों का आपस में सामन्जय होगा तभी न्याय प्राप्त किया जा सकता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अभियोजन की होती है। अभियोजन सफल, सहज और उचित न्याय प्रदान कराने की धुरी है। इस दौरान ग्वालियर हाईकोर्ट के वकील विजयदत्त शर्मा, एफएसएल अधिकारी डॉ. प्रिंस अजय सोनी, ग्वालियर जेएएच फोरेंसिक अधिकारी डॉ. निखिल अग्रवाल, डॉ. दीपक सिंघल, एडीपीओ इंद्रेश प्रधान, अमोल तोमर, सतीश कटारे आदि सहायक अभियोजन अधिकारी मौजूद रहे।

लोक अभियोजन महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर में विटनेस हेल्प डेस्क शुरू की गई हैं। इसके लिए सॉफ्टवेयर भी तैयार कराया गया है। इसकी सेंट्रल मॉनीटरिंग भोपाल में होगी। इसमें गवाह का नाम, केस, पता, उम्र आदि संपूर्ण जानकारी रहेगी। इसका मूल उद्देय न्याय दिलाना। गवाह को सुरक्षा प्रदान कराना। उसे यात्रा भत्ता आदि दिलाना है। महानिदेशक शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर के सभी जिलों में जिला अभियोजन कार्यालय खोलने के लिए उन्होंने जमीन चिन्हित करवा ली है। जल्द ही शासन को 500 करोड़ का प्रस्ताव देंगे। इसे चरणवद्व तरीके से प्रदेशभर में अभियोजन के कार्यालय निर्मित कराए जाएंगे।

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