Edited By Devendra Singh, Updated: 06 Nov, 2022 12:44 PM

मण्डला के पिपरटोला गांव में सामुदायिक भवन कई सालों से अधूरा पड़ा है। ग्रामीणों सरपंच से लेकर केंद्रीय मंत्री तक मदद की गुहार लगा चुके है। लेकिन सरकार आदिवासियों की समास्या पर ध्यान ही नहीं दे रही है।
मंडला (अरविंद सोनी): मध्य प्रदेश में आदिवासी बाहुल्य (trible area mandla) इलाकों में सुविधाएं सिर्फ नेताओं के बयानों में नजर आती है। हकीकत में यहां असुविधाओं का अंबार है। ताजा मामला मण्डला जिले की ग्राम पंचायत जहारमऊ के पिपरटोला गांव का है। सरकार ग्रामीण विकास के दावे तो जरूर करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही बयां कर रही है। यहां सामुदायिक भवन का निर्माण, सालों से अधूरा है। इसके बाद भी ग्रामीणों की समस्या का समाधान दूर-ूदर तक नजर नहीं आ रहा है।
तत्कालीन MLA संजीव उइके ने किया था भूमिपूजन
ग्रामीणों की मुताबिक 10 सालों उन्हें सामुदायिक भवन (Community Hall) की स्वीकृति का इंतजार है। तत्कालीन विधायक संजीव उइके ने भवन का भूमिपूजन किया था। लेकिन भवन बनने का सपना आज भी अधूरा है। 12 लाख से ज्यादा की लागत से बनने वाला समुदायक भवन अब कब तक बनकर तैयारी होगी इसका जबाव किसी के पास नहीं है।
फग्गन सिंह कुलस्ते ने दिया था बनने का आश्वासन
इससे पहले ग्रामीणों ने कई बार केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (faggan singh kulaste),राज्य सभा सांसद सम्पतिया उइके से लेकर विधायक देव सिंह तक बात पहुंचाई लेकिन समस्याओं का हल अभी तक नहीं हुआ। अब देखना होगा कि इसे बनने में और कितने साल लगेगे।