Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 28 Feb, 2019 01:20 PM

सीआरपीएफ के काफिले पर जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर है। इस हमले में 40 जवानो के मारे जाने के बाद हर भारतीय के दिल में पाकिस्तान के खिलाफ नफरत भरी गई है...
छत्तरपुर: सीआरपीएफ के काफिले पर जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर है। इस हमले में 40 जवानो के मारे जाने के बाद हर भारतीय के दिल में पाकिस्तान के खिलाफ नफरत भरी गई है। हर कोई अपने-अपने स्तर पर पाकिस्तान का विरोध जता रहा है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश के किसानों ने पहले टमाटर और अब छत्तरपुर जिले के पान कृषकों ने पाकिस्तान को पान न भेजने का संकल्प लिया है।

जानकारी के अनुसार, जिले के गढ़ीमलहरा, महाराजपुर, पिपट, पनागर और महोबा जिले में पान की अच्छी-खासी पैदावार होती है। यहां से भारत के कई शहरों में पान की सप्लाई होती है। इसके अलावा पाकिस्तान, श्रीलंका आदि देशों में भी पान भेजा जाता है।पान उत्पादकों का कहना है कि वे पुलवामा हमले से वे आहत हैं। आतंकियों ने उनके जवानों का खून बहाया है ऐसे में पान पाकिस्तान को नहीं बेचेंगे। भले ही उन्हें नुकसान क्यों ना उठाना पड़े।

गौरतलब है कि छतरपुर का पान मेरठ और शहारंगपुर से पाकिस्तान भेजा जाता है। हर सप्ताह तीन दिन 45 से 50 बंडल पान के पाकिस्तान भेजे जाते हैं। पान के एक बंडल की कीमत 30 हजार रुपए है।

ऐसे में पान किसानों का अनुमानित 13 से 15 लाख रुपये का नुकसान होगा। लेकिन किसानों का कहना है कि नफा-नुकसान की कोई चिंता नहीं है। भारत सरकार जब पानी न देने जैसा बड़ा फैसला ले सकती है तो हम अपने भारत देश की खातिर इतना तो कर ही सकते हैं।
बता दें कि इससे पहले मध्यप्रदेश के किसानों ने पाकिस्तान को टमाटर सप्लाय करने से मना कर दिया था।