मप्र : मस्तिषकीय रूप से मृत व्यक्ति के अंगों के परिवहन के लिए भोपाल में बनाए गए तीन ‘ग्रीन कॉरिडोर’

Edited By PTI News Agency, Updated: 28 Nov, 2022 11:01 PM

pti madhya pradesh story

भोपाल, 28 नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में मस्तिषकीय रूप से मृत व्यक्ति के तीन महत्वपूर्ण अंगों को प्रतिरोपण के लिए गुजरात, इंदौर और एक स्थानीय अस्पताल पहुंचाने के लिए सोमवार को तीन ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाए गए।

भोपाल, 28 नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में मस्तिषकीय रूप से मृत व्यक्ति के तीन महत्वपूर्ण अंगों को प्रतिरोपण के लिए गुजरात, इंदौर और एक स्थानीय अस्पताल पहुंचाने के लिए सोमवार को तीन ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाए गए।

चिकित्सकों के अनुसार, यह पहली बार है कि भोपाल में अंगों के प्रतिरोपण के लिए तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं।
ग्रीन कॉरिडोर के तहत पुलिस अन्य एजेंसियों के सहयोग से अंगों को प्रतिरोपण करने के लिए ले जा रही एम्बुलेंस के लिए रास्ता खाली करने के लिए उस मार्ग पर यातायात को पहले ही रोक देती है, जहां से इसे गुजरना होता है, ताकि उसे सड़क पर किसी तरह की बाधा का सामना नहीं करना पड़े।

भोपाल स्थित सिद्धांत सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुबोध वार्ष्णेय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 23 वर्षीय अनमोल जैन कुछ दिन पहले एक हादसे का शिकार हो गये थे। हादसे के बाद यहां एक अस्पताल में उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई और उसके बाद 26 नवंबर की रात उन्हें सिद्धांत सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘जैन को हमारे अस्पताल में मस्तिषकीय रूप से मृत (ब्रेन डेड) लाया गया था। परिवार के सदस्यों ने उसके अंगों को दान करने का फैसला किया। चर्चा के बाद हमने अंगदान की प्रक्रिया पूरी की।’’
डॉ. वार्ष्णेय ने बताया कि अधिकारियों से संपर्क किया गया और मरीज का दिल, यकृत और गुर्दों को सुबह नौ से 11 बजे तक निकाला गया। उन्होंने कहा कि दिल को गुजरात के अहमदाबाद ले जाया गया, यकृत को इंदौर के चोइथराम अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र भेजा गया, जबकि एक गुर्दे को चिरायु अस्पताल भोपाल ले जाया गया और दूसरे गुर्दे को सिद्धांत अस्पताल भोपाल में ही एक मरीज को प्रतिरोपण किया गया।

डॉ. वार्ष्णेय ने बताया कि ‘लॉजिस्टिक’ कारणों से मृतक व्यक्ति के फेफड़ों को प्रतिरोपण के लिए नहीं भेजा जा सका।

पहला ग्रीन कॉरिडोर दिल को सिद्धांत अस्पताल से हवाईअड्डे तक ले जाने के लिए बनाया गया था, जहां से इसे हवाई मार्ग से अहमदाबाद ले जाया गया, जबकि दूसरा ग्रीन कॉरिडोर यकृत को इंदौर भेजने के लिए बनाया गया और तीसरा ग्रीन कॉरिडोर एक स्थानीय निजी अस्पताल में एक गुर्दे को पहुंचाने के लिए बनाया गया।

डॉ वार्ष्णेय ने कहा कि इंदौर में यकृत प्रतिरोपण चल रहा है, जबकि शेष तीन प्रतिरोपण सफलतापूर्वक कर लिए गए हैं।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!