अटलजी का विदिशा से रहा गहरा नाता, जनसंघ की जड़ जमाने में निभाई अहम भूमिका

Edited By Priya dhir, Updated: 16 Aug, 2018 06:53 PM

relation of atal bihari vajpayee with vidisha

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का विदिशा से गहरा रिश्ता रहा है। वे यहां से सांसद भी रह चुके हैं। आरएसएस के प्रचारक भी रहे। 1991 में विदिशा-लखनऊ से एक साथ लोकसभा चुनाव लड़े और जीते भी थे। लेकिन, बाद में उन्होंने विदिशा से इस्तीफा दे दिया था।

विदिशा : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का विदिशा से गहरा रिश्ता रहा है। वे यहां से सांसद भी रह चुके हैं। आरएसएस के प्रचारक भी रहे। 1991 में विदिशा-लखनऊ से एक साथ लोकसभा चुनाव लड़े और जीते भी थे। लेकिन, बाद में उन्होंने विदिशा से इस्तीफा दे दिया था।

दरअसल, जनसंघ के जमाने से ही अटल जी जनसंघ की जड़ जमाने विदिशा के लिए अक्सर विदिशा जाते रहते थे, उस दौरान उनके साथ रहे नेताओं ने अटलजी के साथ बिताए पलों को याद किया। मध्यप्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने उनके साथ बिताए पल को याद करते हुए उनके खान-पान, रहन-सहन उनके व्यक्तित्व के बारे में बताया।

राघवजी ने कहा कि अटलजी खाने के शौकीन और पारखी थे। खुद भी अच्छा खाना बनाते थे। रहन-सहन सादगी भरा और धोती-कुर्ता पहनना, हमेशा एक सफेद शाल अपने साथ जरुर रखते थे। कभी-कभी भांग का भी सेवन करते थे। उनका व्यक्तित्व जानदार और बहुआयामी है। अपने सहज-सरल स्वभाव के चलते वो विपक्ष के भी चहेते रहे।

विदिशा बीजेपी के पूर्व कोषाध्यक्ष और अटलजी के चुनाव संचालक रहे अशोक गोयल ने बताया कि अटलजी कार्यकर्ताओं के प्रति सजग रहते थे। वे बहुत सहज और सरल इंसान थे। हंसी-मजाक करने की भी आदत रही। प्रधानमंत्री जैसे पद पर होने के बावजूद उनका व्यक्तित्व बहुत साधारण रहा था। बीजेपी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल ताम्रकार ने बताया कि अटलजी बहुत ही लोकप्रिय नेता थे। उन्हें सुनने के लिए जनता आतुर रहती थी।

 

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