विदिशा में पंचायत का तुगलकी फरमान, बछड़े की मौत पर सुनाया नाबालिग बेटी की शादी का फैसला

Edited By Jagdev Singh, Updated: 18 Feb, 2020 04:10 PM

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मध्य प्रदेश में विदिशा जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक नाबालिग लड़की के बाल विवाह को रोका। जिले के पथरिया थाने के महुआ खेड़ा गांव में एक 14 साल की नाबालिग बालिका का विवाह हो रहा था। पता चलते ही महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने इस शादी को...

विदिशा: मध्य प्रदेश में विदिशा जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक नाबालिग लड़की के बाल विवाह को रोका। जिले के पथरिया थाने के महुआ खेड़ा गांव में एक 14 साल की नाबालिग बालिका का विवाह हो रहा था। पता चलते ही महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने इस शादी को रोक दिया। इस विवाह के पीछे पंचायत का फरमान था। इस पर कोई भी बात करने को तैयार नहीं है।

विदिशा में पाथरी थानाक्षेत्र स्थित एक गांव में एक शख्स की गलती ने एक बछड़े की जान ले ली। बछड़े की मौत पर पंचायत बैठ गई। पंचायत ने फैसला सुनाया कि जिस शख्स की गलती की वजह से गाय के बछड़े की जान गई है, उसे 'प्रायश्चित' करने के लिए अपनी नाबालिग बेटी की शादी करनी होगी।

वहीं पंचायत के फैसले पर शख्स नाबालिग बेटी की शादी के लिए राजी हो गया और शादी की तैयारियां भी शुरू कर दीं। वहीं ऐन मौके पर पुलिस के पहुंचने से शादी नहीं हो सकी। राज्य के ग्रामीण अंचलों में अगर किसी से कोई गाय मर जाती है तो उस पर तमाम तरह के सामाजिक प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं। इनमें गाय को मारने वाले शख्स को गंगा स्नान, गांव के लिए भोज की व्यवस्था और कई बार तो नाबालिग बेटी की शादी तक करने को कहा जाता है। ग्रामीण गाय की हत्या करने वाले को अपराधी की नजर से देखते हैं और उनका मानना है कि पाप से छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय कन्यादान ही है।

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