Edited By meena, Updated: 27 Jun, 2025 02:20 PM

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सतना शहर कोतवाली के थाना प्रभारी को अनोखी सजा सुनाते हुए उन्हें एक हजार फलदार पौधे लगाने के निर्देश..
सतना: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सतना शहर कोतवाली के थाना प्रभारी को अनोखी सजा सुनाते हुए उन्हें एक हजार फलदार पौधे लगाने के निर्देश दिए हैं। एक नाबालिग से दुराचार के मामले में पीड़िता को नोटिस तामील न कराने पर अदालत ने टीआई को एक जुलाई से 31 अगस्त 2025 तक चित्रकूट क्षेत्र में आम, जामुन, महुआ, अमरूद जैसे 1000 फलदार पौधे लगाने का आदेश दिया है।
यह जानकारी सतना सिटी कोतवाली के टीआई रवीन्द्र द्विवेदी ने स्वयं देते हुये बताया कि जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनीन्द्र कुमार सिंह की बेंच ने पिछले दिनों यह फैसला सुनाया है। इसके तहत टीआई को पौधों की एक साल तक देखभाल भी करनी होगी और उनके फोटो व जीपीएस लोकेशन कोर्ट में जमा करने होंगे। अगली सुनवाई 16 सितंबर 2025 को होगी, जिसमें सतना पुलिस अधीक्षक को पौधों की स्थिति की रिपोर्ट पेश करनी होगी।
क्या है पूरा मामला
मामला अक्टूबर 2021से जुड़ा हुआ है। तब सतना की एक अदालत ने रामअवतार चौधरी को नाबालिग से दुराचार का दोषी ठहराया था। जिला अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा दी। रामअवतार ने इस निर्णय के खिलाफ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अपील की। कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 को पीड़िता को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। हालांकि, नियमानुसार नोटिस समय पर तामील नहीं हुआ। इस लापरवाही का जिम्मेदार सतना सिटी कोतवाली में पदस्थ थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी थे। कोर्ट ने रावेंद्र द्विवेदी को 1 जुलाई 2025 से 31 अगस्त 2025 तक चित्रकूट क्षेत्र (सतना) में 1000 फलदार पौधे लगाने का आदेश दिया। पौधों में आम, जामुन, महुआ और अमरुद जैसे देशी वृक्ष होंगे। यह प्रतीकात्मक वृक्षारोपण नहीं होगा। टीआई को पौधों की पूरी देखभाल करनी होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकारी निधि का उपयोग नहीं होगा। टीआई को यह खर्च अपनी जिम्मेदारी पर उठाना होगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट का यह संदेश अपनी ड्यूटी के प्रति सजग रहने का संदेश देता है। साथ ही अधिकारियों को उनके कर्तव्यों के प्रति सजग रहने की चेतावनी भी देता है।