Edited By meena, Updated: 12 Aug, 2022 04:51 PM

आदिवासीयों पर हुए गोलीकांड के बाद मप्र कैडर 2014 बैच के आईएफएस अधिकारी विदिशा डीएफओ राजवीर सिंह को हटा दिया गया है। सूत्रों की माने तो डीएफओ का स्टाफ पर कंट्रोल नहीं होने कारण यह कार्यवाही की गई है।
लटेरी(अमित रैकवार): आदिवासीयों पर हुए गोलीकांड के बाद मप्र कैडर 2014 बैच के आईएफएस अधिकारी विदिशा डीएफओ राजवीर सिंह को हटा दिया गया है। सूत्रों की माने तो डीएफओ का स्टाफ पर कंट्रोल नहीं होने कारण यह कार्यवाही की गई है। हालांकि अंदर खाने की खबर है कि आदिवासियों पर वन विभाग की फायरिंग में एक आदिवासी की मौत के चलते मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खासे नाराज थे और यही कारण है कि डीएफओ राजवीर सिंह को विदिशा से हटाकर भोपाल मुख्यालय भेजा गया है। साथ ही जब घटना की जानकारी मिली तो उसे भी खराब तरीके से हैंडल किया गया। राजवीर सिंह को वन मुख्यालय में उप वन संरक्षक पदस्थ किया गया है। वे माह फरवरी 2020 में विदिशा डीएफओ बनाए गए थे।

गौरतलब है कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन लकड़ी बीनने गए आदिवासियों पर वन विभाग के कर्मचारियों की गोली से 35 साल के एक आदिवासी चैनसिंह भील की मौत हो गई थी। साथ ही तीन युवक घायल हुए थे। लटेरी पुलिस ने एक डिप्टी रेंजर निर्मल अहिरबार सहित अन्य कर्मचारियों पर हत्या 302, 307 34 आईपीसी के तहत मामला पंजीवद्ध कर लिया था और अब इसी मामले में डीएफओ पर गाज गिरी है।

संगठन ने बिना जांच एफआईआर दर्ज करने पर जताया विरोध
मप्र वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अतुल कुशवाह तथा प्रांत अध्यक्ष बुध राज भागवत ने पत्र जारी कर विरोध जताया है। संगठन ने कहा है कि सरकार ने बिना जांच एफआईआर की है। इससे वन कर्मचारियों में आक्रोश है। उनका मनोबल टूट रहा है। फॉरेस्टर अपनी जान दांव पर लगाकर वनों की सुरक्षा करता है। इस कार्रवाई से अवैध कटाई और शिकार करने वाले बेखौफ हो जाएंगे। जांच के बाद वन कर्मियों पर मामला दर्ज किया जाना था। कर्मचारी संघ निष्पक्ष जांच की मांग करता है।