Edited By meena, Updated: 13 Oct, 2022 04:10 PM
रायपुर के अग्रसेन धाम में 13 से 15 अक्टूबर तक विश्वस्तरीय धर्म महासम्मेलन होने जा रहा है। आनंद मार्ग प्रचारक संघ की रायपुर शाखा इस सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इसमें भारत सहित विश्व के कई देशों से आनंद मार्ग के संन्यासी और गृहस्थ आनंद मार्गी भाग...
रायपुर(सत्येंद्र शर्मा): रायपुर के अग्रसेन धाम में 13 से 15 अक्टूबर तक विश्वस्तरीय धर्म महासम्मेलन होने जा रहा है। आनंद मार्ग प्रचारक संघ की रायपुर शाखा इस सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इसमें भारत सहित विश्व के कई देशों से आनंद मार्ग के संन्यासी और गृहस्थ आनंद मार्गी भाग लेंगे। सम्मेलन के दौरान सुबह-शाम आनंद मार्ग दर्शन के प्रवर्तक आनंदमूर्ति के आध्यात्मिक दर्शन पर आधारित प्रवचन होंगे। आचार्य करुणानन्द अवधूत और अवधूतिका आनंद निश्छन्दा आचार्य इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे। आनंद मार्ग स्कूल के छात्र-छात्राओं रात्रि में भगवान शिव, श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। सम्मेलन के दौरान सभी मार्गों के भाई-बहन आनन्द मार्ग द्वारा किये जा रहे हैं। भागवत धर्म के प्रचार प्रचार को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने की योजना पर विचार विमर्श करेंगे।
आनंद मार्ग दर्शन के मुताबिक संपूर्ण मानव जाति का धर्म एक है जिसका अर्थ परमपिता परमात्मा से साक्षात्कार करने के लिए आध्यात्मिक साधना करना बाहरी आडंबर से धर्म का कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए प्रत्येक आनन्द मार्गी नियमित आध्यात्मिक साधना करते हैं। ऋषियों के कथनानुसार वसुधैव कुटुबकम का अक्षरश: पालन करते हैं समस्त विश्व के लोगों को अपने विशाल परिवार का सदस्य मानते हैं। जात-पात आधारित भेद-भाव को बिल्कुल नहीं मानते हैं। संघ द्वारा पूरी दुनिया में लगभग 1,000 स्कूल और महाविद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। जहां पर भारतीय संस्कृति और अध्यात्म पर केंद्रित शिक्षा दी जाती है। इसके अलावा शिशु सदन संचालित किये जाते हैं। जहां बिना मां-बाप के बालक-बालिकाओं को आश्रय दिया जाता है और उनकी लिखाई पढ़ाई की व्यवस्था की जाती है। छत्तीसगढ़ में 20 स्कूल और 2 शिशु सदन कार्यरत है। आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम को संयुक्त राष्ट्र संघ ने NGO का दर्जा प्रदान किया है। रिलीफ टीम अकाल, भूकम्प महामारी, युद्ध प्राकृतिक और मानव निर्मित विपदाओं के समय पीड़ित जन समुदाय की सेवा करती है। चंद शब्दों में कहे तो आनन्द मार्ग एक ऐसी हकीकत है जिसके धार्मिक स्वरूप और सेवामूलक कार्य से कोई इंकार नहीं कर सकता। आनंदमूर्ति ने कहा है कि यदि विश्व को विनाश से बचाना है तो भारत को बचाना होगा और यदि भारत को बचाना है तो हमें अपनी आध्यात्मिक धरोहर को पुनर्जीवित करना होगा।