Swine Flu: राजस्थान व गुजरात के बाद सबसे ज्यादा मौत MP में, चौंकाने वाले हैं आंकड़े

Edited By suman, Updated: 28 Feb, 2019 11:25 AM

most deaths after mp rajasthan and gujarat are shocking figures

बार-बार मौसम बदलने की वजह से इस साल स्वाइन फ्लू खतरनाक होता जा रहा है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू की चपेट में आने वाले मरीजों में 24 फीसदी की मौत हो चुकी है। नेशनल सेंट्रल फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक एमपी में 24 फरवरी तक 199 लोग...

भोपाल: बार-बार मौसम बदलने की वजह से इस साल स्वाइन फ्लू खतरनाक होता जा रहा है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू की चपेट में आने वाले मरीजों में 24 फीसदी की मौत हो चुकी है। नेशनल सेंट्रल फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक एमपी में 24 फरवरी तक 199 लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आए हैं।
 

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इनमें 43 मरीजों की मौत हो चुकी है। पॉजिटिव मरीजों की मौत के मामले में एमपी देश में पहले नंबर पर है। इसकी वजह जांच व इलाज शुरू होने में देरी और बी कैटेगरी के मरीजों को स्वाइन फ्लू की दवा नहीं देना है।


 

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2 महीनों में 200 के पार पहुंचा आंकड़ा
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल सबसे ज्यादा 137 मरीजों की मौत राजस्थान में हुई है। इसके बाद दूसरे नंबर गुजरात में 88 मरीजों की मौत हुई है। इसके बाद मध्यप्रदेश है। स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव मरीजों में मौत के प्रतिशत के मामले में मध्यप्रदेश हर साल पहले नंबर पर रहता है। पिछले साल पूरे प्रदेश में 100 लोग इस बीमारी की चपेट में आए थे। इनमें 34 की मौत हो गई थी। इस साल दो महीने के भीतर ही मरीजों की संख्या 200 के पार हो गई है।


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सीएमएचओ डॉ. एनयू खान ने बताया कि सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। संदिग्ध मरीजों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे इलाज में देरी न हो। उन्होंने कहा कि जेपी अस्पताल में स्वाइन फ्लू वार्ड तैयार है। अस्पतालों में टेमीफ्लू की दवा पर्याप्त मात्रा में है।


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यह रखें सावधानी

  • रात में ठंडी चीजें खाने व ठंडा पानी पीने से बचें
  • सर्दी-जुकाम वाले मरीजों से दूर रहें।
  • हाथ मिलाने से परहेज करें।
  • भीड़ में न जाएं। जरूरी हो तो नाक-मुंह में कपड़ा बांधकर जाएं।
  • सर्दी-जुकाम, गले में दर्द, तेज बुखार, खांसी व कफ निकलना व सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
  • खूब पानी पीएं, गॉरगल करें, भाप लें।



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इन्हें स्वाइन फ्लू होने का ज्यादा खतरा
पांच साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग, किडनी व हार्ट के पुराने मरीज, कैंसर के मरीज जिनकी कीमोथैरेपी चल रही है। गर्भवती महिलाएं, डायबिटीज के मरीज, जिसके घर में किसी को स्वाइन फ्लू हुआ हो, अस्थमा व खून के कमी वाले मरीज।

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