नवरात्रि में भी मां शारदा के कपाट बंद, भक्त निराश, मेले में दुकान लगाने वाले बोले- इससे अच्छा हम मर जाए

Edited By meena, Updated: 14 Apr, 2021 12:01 PM

mother sharda s doors closed even during navratri

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर ने मां शारदा के भक्तों को निराश कर दिया है। मां शारदा के मंदिर में करोना का असर देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि मां के भक्तों को नवरात्रि में भी मां के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। वहीं नवरात्रि मेले में दुकान लगाने...

सतना(रविशंकर पाठक): कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर ने मां शारदा के भक्तों को निराश कर दिया है। मां शारदा के मंदिर में करोना का असर देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि मां के भक्तों को नवरात्रि में भी मां के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। वहीं नवरात्रि मेले में दुकान लगाने वाले अब रोजी रोटी के लाले पड़ गए है। उनका कहना है कि इस संकट में सरकार की ओर से कोई मदद भी नहीं मिल रही।

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कोरोना के चलते मंदिर के कपाट बंद

चैत्र नवरात्र की कल यानी मंगलवार से शुरुआत हो गई है। मगर पिछले साल की तरह इस बार भी मैहर में मां शारदा के कपाट बंद है। नवरात्र में भक्तों से गुलजार रहने वाली मां शारदा की नगरी भक्तों की मनाही के बाद वीरान रहेगी। इतिहास में पहली बार देवी के 52 शक्तिपीठों में शुमार मां शारदा के कपाट बंद हुए हैं। मध्यप्रदेश के सतना जिले के मैहर में पहले दिन से ही मां शारदा के गर्भ गृह तक पहुंचने के तीनों रास्ते सील कर दिए गए हैं।

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वीरान पड़ा मैहर...
जो मैहर हर नवरात्र लाखों लाख भक्तों से गुलजार रहता था वह आज वीरान पड़ा है। मंदिर में दूर-दूर तक सन्नाटा पसरा है। एक अनुमान के मुताबिक हर नवरात्र यहां कम से कम 18 लाख श्रद्धालु पहुंचते थे। मगर आज वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की बदौलत यहां वीरानगी छाई हुई है। शारदा प्रबंध समिति के केवल कर्मचारी हैं जो साफ सफाई में लगे रहते हैं। बाकी मां की ड्योढ़ी तक पहुंचने वाले सभी रास्ते बंद हैं। केवल पुजारी को ही त्रिकूट पर्वत में मां के गर्भगृह तक जाने की इजाजत है। ताकि वो पूजा अर्चना कर सकें। दर्शन के लिए श्रद्धालु सीढ़ियां, रोपवे और समिति के वाहन के जरिए ऊपर तक पहुंचते थे। प्रसाद की दुकानें भी पूरी तरह से बंद हैं। 

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दुकानदारों को पड़े खाने के लाले
वही देवी जी मन्दिर के आसपास छोटे फुटपाथ दुकानदार जो डेली कमाना खाना रहता है। लेकिन अब उनका कहना है कि हम लोग जाए कहा 1 साल से हम लोग भूखें प्यासे रह रहे हैं। मगर सरकार ने किसी भी तरह का सहयोग नहीं किया। हमारे भी छोटे-छोटे बच्चे हैं। हम उनको कहा से खिलाएंगे? कोरोना के नाम से सरकार हम लोगों के साथ गलत कर रही है। अब ऐसा लगता है की मर ही जाए। सरकार के तरफ से केवल हम लोगों का दोहन शोषण ही हो रहा किसी तरह का लाभ या सहयोग कोरोनाकाल से लेकर अभी तक नहीं मिला।

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