उफ्फ...ये मजबूरी ! अंतिम संस्कार के पैसे नहीं, तो ठेले पर रखकर नदी में बहाया शव

Edited By meena, Updated: 30 Jun, 2020 03:59 PM

no funeral money dead body shed in a river on handcart in sidhi

मध्य प्रदेश के सीधी जिले में इंसानियत को शर्मसार करने का मामला सामने आया है, जहां शव वाहन न मिलने के कारण परिजनों को रिक्शे ठेला के सहारे मृतक का शव ले जाने को मजबूर होना पड़ा। इतना हीं नहीं पैसा न होने के कारण गरीबी के चलते अपनी धार्मिक रीति रिवाजों...

सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में इंसानियत को शर्मसार करने का मामला सामने आया है, जहां शव वाहन न मिलने के कारण परिजनों को रिक्शे ठेला के सहारे मृतक का शव ले जाने को मजबूर होना पड़ा। इतना हीं नहीं पैसा न होने के कारण गरीबी के चलते अपनी धार्मिक रीति रिवाजों को छोड़ परिजनों ने शव को दाह संस्कार करने की बजाए सोन नदी में बहाना पड़ा।

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जानकारी के अनुसार, सीधी जिला मुख्यालय के कोटहा निवासी कोल परिवार की एक महिला लंबे समय से बीमारी से पीड़ित थी, जिसकी इलाज के दौरान अचानक मौत हो गई। महिला के परिजन इतने गरीब है कि उनके पास मृतिका के शव को हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से दाह संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में पीड़ित परिवार ने नगर पालिका से मदद मांगी लेकिन रविवार छुट्टी का दिन होने के कारण दफ्तर बंद थे और कोई अधिकारी या कर्मचारी मौके पर मदद के लिए नहीं मि्ला।

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ऐसे में परिजनों के पास मजबूरन एक रिक्शे ठेले में शव को ले जाकर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर सोन नदी में प्रवाहित करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। हालांकि इस सारे घटनाक्रम में नगरपालिका की लापरवाही भी उजागर हुई है क्योंकि परिजनों ने उनसे शव वाहन की मांग की थी लेकिन प्रशासन ने उपलब्ध नहीं कराया।

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इस दौरान मृतिका के भाई ने बताया कि मेरी बहन लंबे समय से बीमार थी। अंतिम संस्कार के लिए पैसे न होने के चलते ये कदम उठाना पड़ा। वहीं उन्होंने नगरनिगम पर आरोप लगाए कि हमने शव वाहन की मांग की थी लेकिन प्रशासन ने मदद करने से इंकार कर दिया।
 

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