Edited By meena, Updated: 04 Nov, 2021 05:13 PM
दीपावली के दूसरे दिन देश भर में विश्वकर्मा दिवस और गोवर्धन पूजा समाज वर्ग का हर वर्ग अपने अपने रीति रिवाज से मनाता है। लेकिन मध्य प्रदेश के धार जिले के सरदारपुर तहसील के दसई गांव में गोहरी गांव में यह बेहद अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। जहां दिवाली...
धार: दीपावली के दूसरे दिन देश भर में विश्वकर्मा दिवस और गोवर्धन पूजा समाज वर्ग का हर वर्ग अपने अपने रीति रिवाज से मनाता है। लेकिन मध्य प्रदेश के धार जिले के सरदारपुर तहसील के दसई गांव में गोहरी गांव में यह बेहद अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। जहां दिवाली से दूसरे दिन अपनी मन्नत पूरी करवाने के लिए मन्नतधारी जमीन पर लेट जाते हैं और गाय उनके उपर से गुजरती है।
दिवाली से दूसरे दिन दसई गांव के लोग पड़वा पर गाय गोहरी पर्व पर गाय एवं पशुओं को कई रंगों से रंगते हैं। साथ ही गायों को सेला फुदों से सजाया जाता है। गायों की पूजा अर्चना की जाती है। पूजा अर्चन के बाद में मन्नत धारी अपनी मन्नत पूरी करने के लिए गायों के नीचे लेट कर गायों को अपने शरीर के ऊपर से निकालकर अपनी मन्नतें पूरी करते हैं।
इस बीच वहां मौजूद महिला और पुरूष भजन गाते हैं। ग्रामीण अंचलों से हजारों की संख्या लोग उपस्थित होते हैं। जहां पर अनेकों गाय उनके शरीर के ऊपर से निकलती है परंतु किसी प्रकार की चोट नहीं पहुंचती है बाद में एक दूसरे को गाय गोहरी पर्व की बधाई दी जाती है।
गाय गोहरी मध्यप्रदेश के झाबुआ और धार में मनाया जाता है। लेकिन कोरोना के चलते इस बार झाबुआ में यह त्योहार नहीं मनाया गया। वहीं धार में इस बार भी इस त्योहार को आदिवासी समाज के द्वारा मनाया जा रहा है।