आज की शबरी: बेर बेचने वाली मुन्नीबाई ने राम मंदिर के लिए दान की 100 रुपए की चिल्लर

Edited By meena, Updated: 21 Jan, 2021 02:26 PM

plum seller munnibai donated 100 rupees for the ram temple

अयोध्या में राम लल्ला के भव्य मंदिर के लिए देशभर से राम भक्त दिल खोल कर दान कर रहे हैं। देश-विदेश से बड़े से बड़े राजनेता से लेकर आम जन भी राम मंदिर निर्माण के लिए योगदान दे रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के विदिशा से एक बेर बेचने वाली मुन्नीबाई...

विदिशा: अयोध्या में राम लल्ला के भव्य मंदिर के लिए देशभर से राम भक्त दिल खोल कर दान कर रहे हैं। देश-विदेश से बड़े से बड़े राजनेता से लेकर आम जन भी राम मंदिर निर्माण के लिए योगदान दे रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के विदिशा से एक बेर बेचने वाली मुन्नीबाई कुशवाहा भी 100 रुपए के चिल्लर भेंट कर महादानियों की लिस्ट में शामिल हो गई हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुन्नीबाई के राम के लिए अथाह प्रेम ने रामायण की शबरी की यादें ताजा कर दी।

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बेर बेचकर इक्ट्ठा किए 100 रुपए...
विदिशा सुदर्शन बस्ती जतरापुरा में रहने वाली मुन्नीबाई मेले में बेर बेचकर अपना जीवन यापन करती है। जब उसे पता चला कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रहण किया जा रहा है तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसने कुछ दिनों में बेर बेच-बेचकर 100 रुपए की चिल्लर इक्ट्ठा करके राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यक्रताओं को सौंपी।
राम और शबरी का यादें हो गई ताजा...
मुन्नीबाई का यह वाक्य जिस किसी ने भी सुना उसके जहन में उस शबरी की यादें ताजा हो गई जिसने राम दर्शन के लिए अपनी पलके बिछा रखी थी और जब श्रीराम खुद उनसे मिलने पहुंचे थे तो पहले खुद बेर चखकर मीठे बेर राम जी को खाने को दिए थे। विदिशा की इस मुन्नीबाई कुशवाहा के घर जब कार्यकर्ता पहुंचे तो उसने इन्हें बेर खिला कर स्वागत किया और चाय भी पिलाई। 
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राम के लिए अपार प्यार देख कार्यकर्ताओं की आंखे हुई नम...
जैसे ही कार्यकर्ता मुन्नीबाई के घर पहुंचे तो उसने बड़ी ही श्रद्धा से उनका स्वागत किया। इतना ही नहीं 100 रुपए  के चिल्लर कार्यकर्ताओं के हाथों में थमाते हुए कहा कि चाहे जितना भी समय लग जाए पर भगवान आते जरूर हैं। यह सुनकर कार्यकर्ताओं की नम हो गईं।
नहीं देखा कभी ऐसा राम भक्त...
मुन्नी बाई के इन शब्दों को सुनकर निधि संग्रह के लिए निकले कार्यकर्ताओं की आंखें भर आई उनका कहना था कि कही भी राम के लिए इतना प्यार नहीं देखा। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मुन्नी बाई के साथ शबरी और राम प्रसंग पर चर्चा की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि निधि संग्रह के समय जहां एक तरफ बड़े बड़े घरों के लोग बहाने बना देते हैं। वही बेर बेचने वाली मुन्नी बाई ने खुशी खुशी 10, 20 के नोट के साथ खुले पैसे देकर 100 रुपए पूरे कर रसीद कटवाई।

 

 

 

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