Edited By meena, Updated: 14 Mar, 2021 05:16 PM
स्थानीय निकाय मामले में हाईकोर्ट के आरक्षण फैसले को अब शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। इस मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। बता दें कि हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने प्रस्तावित...
भोपाल(इजहार हसन खान): स्थानीय निकाय मामले में हाईकोर्ट के आरक्षण फैसले को अब शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। इस मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। बता दें कि हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने प्रस्तावित स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए घोषित की गई आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट का कहना है कि सरकार यदि स्थानीय निकाय के चुनाव कराना चाहती है तो अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित नगर निगम महापौर नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए रोटेशन के आधार पर आरक्षण प्रक्रिया का दोबारा नोटिफिकेशन करके ही चुनाव करा सकती है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने इससे पहले ग्वालियर के डबरा नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव पर अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवार के लगातार निर्वाचन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद दतिया जिले के इंदरगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष के मामले में ऐसा ही हुआ था। याचिकाकर्ता ने इंदरगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अनुसूचित जाति वर्ग के अध्यक्ष का लंबे समय से चुने जाने को चुनौती दी थी। इस पर भी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी और सरकार को निर्देश दिए थे कि वह चुनाव करा सकती है लेकिन आरक्षण प्रक्रिया का दोबारा नोटिफिकेशन करके ही इन सीटों पर चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके बाद मान वर्धन तोमर द्वारा एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि पूरे मध्यप्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनाव में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण प्रक्रिया में रोटेशन का पालन नहीं किया गया है। यह नगर पालिका अधिनियम के नियमों के विपरीत है।
इस जनहित याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी जिस पर हाईकोर्ट ने शनिवार को अपना फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट का कहना है कि सरकार अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए मेयर और चेयरमैन जैसे पदों के आरक्षण पर नया नोटिफिकेशन जारी करे और वहां रोटेशन प्रक्रिया का पालन करके चुनाव कराए। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में जल्द ही स्थानीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं निर्वाचन आयोग इसके लिए कभी भी तिथि का ऐलान कर सकता है ऐसे में हाईकोर्ट के नए डायरेक्शन के बाद यह प्रक्रिया फिलहाल कुछ समय के लिए चल सकती है।