Edited By meena, Updated: 12 Nov, 2020 01:29 PM
शिवराज सरकार भले ही उपचुनाव में जीत का सेहरा अपने सिर पर बंधवाने में कामयाब रही हो लेकिन जनता तक सुख सुविधाएं पहुंचाने में पूरी तरह से असफल साबित हुई है। सरकारी सुविधाओं की जमीनी हकीकत का उदाहरण चंद दिनों पहले ही सतना जिले में देखने को मिला था जहां...
सतना(फिरोज बागी): शिवराज सरकार भले ही उपचुनाव में जीत का सेहरा अपने सिर पर बंधवाने में कामयाब रही हो लेकिन जनता तक सुख सुविधाएं पहुंचाने में पूरी तरह से असफल साबित हुई है। सरकारी सुविधाओं की जमीनी हकीकत का उदाहरण चंद दिनों पहले ही सतना जिले में देखने को मिला था जहां एंबुलेंस ना मिलने की वजह से एक प्रसूता को कचरा वाली गाड़ी में ढोकर अस्पताल पहुंचाया गया था। आज उसी सतना जिले में अस्पताल में नसबंदी कराने आई महिलाओं को बेहोशी की हालत में छोड़ डॉक्टर जिला मुख्यालय भाग गए।
दरअसल, सतना जिले के रामपुर बघेलान का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराने आई महिलाओं के साथ अमानवतापूर्ण व्यवहार देखने को मिला। जहां सरकार द्वारा चलाए जा रहे परिवार नियोजन के तहत नसबंदी कराने आई 22 महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया और उन्हें नसबंदी कराने के लिए पूरी तरह तैयार करा लिया गया। लेकिन सतना जिला मुख्यालय से पहुंचे डॉ एमएम पांडेय ने 12 महिलाओं का ऑपरेशन किया और बाकी को बेहोशी की हालत में छोड़कर वापस सतना जिला मुख्यालय चले गए। वहीं बेहोश की गई कुछ महिलाएं अस्पताल की फर्श पर तड़प रही तो कहीं दीवारों पर बेसुध पड़ी हुई थी।
अस्पताल से जब डॉक्टर जाने लगे तो एक ओर परिवार नियोजन कराने पहुंची हितग्राहियों के परिजन गुहार लगाने लगे तो वहीं दूसरी ओर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ अधिकारी भी डॉक्टर साहब को रोकने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन बिना ऑपरेशन किये महिला हितग्राहियों को तड़पता छोड़ डॉक्टर वहां से चले गए।
बता दें कि यह सतना जिले का कोई पहला मामला नहीं है, कई बार स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर हो चुकी है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों का सरंक्षण होने की वजह से हर बार मामले में लीपापोती कर दी जाती है। सरकार परिवार नियोजन के लिये पैसा पानी की तरह बहा रही है और विभागीय अमला नियोजन को पलीता लगाने में जुटे हुये हैं।