Edited By meena, Updated: 10 Sep, 2024 07:15 PM
साथ जियेंगे साथ मरेंगे...कुछ ऐसा ही मामला छतरपुर जिले के नौगांव थाना क्षेत्र के भदेसर गांव से सामने आया है...
छतरपुर (राजेश चौरसिया) : आपको हिंदी फिल्म के एक गाने की लाइन याद होगी जिसमें अनिल कपूर और पूनम ढिल्लो गाना गाते हैं - "साथ जियेंगे साथ मरेंगे...कुछ ऐसा ही मामला छतरपुर जिले के नौगांव थाना क्षेत्र के भदेसर गांव से सामने आया है। जहां पति-पत्नी दोनों की चिता साथ जलाई गई है। दरअसल यहां के रहने वाले 85 वर्षीय ततुरा राजपूत की मौत के कुछ ही मिनटों बाद उनकी 80 वर्षीय पत्नी जमनी बाई ने अपने प्राण त्याग दिए।
जानकारी के अनुसार भदेसर गांव में रहने वाले 85 वर्ष के ततुरा राजपूत ने सोमवार की दोपहर अपने जीवन की अंतिम सांस ली जमनी बाई जो कि पैर से दिव्यांग थी लकड़ी के सहारे अपने पति के पास पहुंची और जगाने का प्रयास करने लगी। काफी देर जगाने के बाद जमनी बाई को इस बात का अहसास हो गया कि उसका पति अब इस दुनिया में नहीं रहा। इससे पहले कि जमनी बाई संभल पाती वह जमीन पर गिर गई। परिवार के लोग जमनी बाई को उठाने पहुंचे तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
वृद्ध जमनी बाई हमेशा कहती थी पति के साथ ही होगी सती
परिवार के सदस्य जोधन सिंह राजपूत बताते है कि जमनी बाई जब जीवित थी तब वह अपने बच्चों से कहा करती थी कि मुझे अपने पति के साथ सती होना है अगर मेरे साथ भगवान ने मुझे नहीं बुलाया तो तुम लोग मुझे मेरे पति के साथ जिंदा जला कर देना।
वहीं गांव के लोगों के अलावा जितने लोगों ने भी इस घटना को सुना सब हैरान रह गए। गांव के लोगों का कहना है की इस तरह की घटनाएं सैकड़ों वर्ष पूर्व हुआ करती थी। जब सती प्रथा का चलन था या महिलाएं अपने आप ही अपने पति के वियोग में प्राण त्याग दिया करती है। यह घटना अपने आप में अद्वितीय है।
दोनों को एक साथ जलाई गई चिता
बुजर्ग पति पत्नी के एक साथ मृत होने के बाद परिजनों एवं ग्रामीणों ने उनकी शव यात्रा एक साथ निकाली बड़ी संख्या में गांव के लोगों के अलावा आसपास के लोग भी शव यात्रा में शामिल हुए।
शमशान में एक ही चिता पर जले पति पत्नी के शव तो नम हो उठी लोगों की आंखें
लोगों ने ऐसा पहली बार देखा था कि एक साथ पति पत्नी के शव एक ही चिता पर जले हों शव में जितने लोग भी शामिल हुए। उन सभी की आंखे यह दृश्य देख कर नम थी।