Edited By Himansh sharma, Updated: 01 Sep, 2025 12:39 PM

लोक निर्माण विभाग (PWD) ग्वालियर संभाग में वित्तीय अनियमितताओं का बड़ा मामला उजागर हुआ है।
ग्वालियर। लोक निर्माण विभाग (PWD) ग्वालियर संभाग में वित्तीय अनियमितताओं का बड़ा मामला उजागर हुआ है। विभागीय जांच में सामने आया कि कार्यपालन यंत्री कार्यालय से 118 निविदाओं की नस्तियां गायब हो गईं। पुलिस को सूचना देने के बावजूद कार्यपालन यंत्री ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य अभियंता (CE) एस.एल. सूर्यवंशी ने निविदा लिपिक को निलंबित कर विभागीय जांच बिठा दी है।
निरीक्षण में यह भी पाया गया कि स्वीकृत ए.आर. प्रोग्राम से इतर विशेष मरम्मत, रिनोवेशन और एम.ओ.डब्ल्यू. से जुड़े कार्यों का भुगतान बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति से कराया गया। CE सूर्यवंशी ने आदेश जारी कर भवन और मार्गों की साधारण मरम्मत से जुड़े सभी भुगतान रोकने और केवल विद्युत देयक, वाहनों व पी.ओ.एल. से संबंधित भुगतानों की अनुमति देने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि भविष्य में किसी भी ठेकेदार का भुगतान तभी होगा जब अधीक्षण यंत्री द्वारा कार्यों का भौतिक सत्यापन कर निविदाओं की पुष्टि की जाएगी।
ठेकेदार-भूमाफ़िया गठजोड़ पर कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, कई ठेकेदार भूमाफ़ियाओं के साथ मिलकर PWD की सड़कों पर कब्ज़ा कर मनमानी कर रहे थे। CE सूर्यवंशी ने इस गठजोड़ पर शिकंजा कसते हुए अनियमित भुगतानों को रोक दिया। कार्रवाई से तिलमिलाए ठेकेदार अब CE सूर्यवंशी पर ही आरोप लगाने लगे हैं।
सीएम को सौंपा गया सूर्यवंशी के ख़िलाफ़ ज्ञापन
कार्रवाई से नाराज़ ठेकेदारों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन सौंपकर सूर्यवंशी का स्थानांतरण करने की मांग की है। हैरानी की बात यह है कि ज्ञापन में न सिर्फ भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए, बल्कि उन्हें सनातन विरोधी तक बताया गया। जानकारों का मानना है कि CE सूर्यवंशी की यह कार्यवाही विभाग में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार की जड़ें काटने की दिशा में बड़ा कदम है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ठेकेदार-भूमाफ़िया गठजोड़ की बौखलाहट का नतीजा बताए जा रहे हैं।