उज्जैन जेल में 12 करोड़ का घोटाला, जेल कर्मचारियों का GPF फर्जी तरीके से निकाला, FIR के बाद जेल का बाबू फरार

Edited By meena, Updated: 13 Mar, 2023 11:39 AM

12 crore scam in ujjain jail gpf of jail employees fraudulently withdrawn

उज्जैन की सेंट्रल जेल भैरवगढ़ व उससे जुड़ी उपजेलों के कर्मचारियों के साथ 12 करोड़ से अधिक का गबन हो गया

उज्जैन(विशाल सिंह): उज्जैन की सेंट्रल जेल भैरवगढ़ व उससे जुड़ी उपजेलों के कर्मचारियों के साथ 12 करोड़ से अधिक का गबन हो गया। घटना का पता चलते ही कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जांच बैठाते हुए ट्रेजरी अधिकारी को थाने भेजकर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। केस दर्ज होने का पता चलते ही जेल का एक बाबू घर पर ताला लगाकर परिवार समेत फरार हो गया है।

जिला अतिरिक्त कोषालय अधिकारी सुरेंद्र पिता मुन्नालाल भामर ने भैरवगढ़ थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जेल में अनियमिता व फर्जी भुगतान के संदर्भ में केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में पदस्थ कर्मचारी रिपुदमनसिंह पिता दिनेश को धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में आरोपी बनाया गया है। मुख्य प्रहरी एसके चतुर्वेदी के भविष्यनिधि खाते का आहरण कर 12 लाख रुपए की राशि व प्रहरी उषा कौशल की जीपीएफ राशि 10 लाख रुपए की राशि निकाल ली गई। जेल के कर्मचारी रिपूदमन ने उक्त कर्मचारियों के खाते से रुपए निकालकर बैंक ऑफ इंडिया भैरवगढ़ के एक खाते में ट्रांसफर किए। ऐसे कई कर्मचारी जिन्हें पता ही नहीं चला और उनके आवेदन के बिना उनकी जीपीएफ राशि अन्य खातों में ट्रांसफर हो गई। ये अभी तक का सबसे बड़ा जेल से जुड़ा गबन सामने आया है जिसमें भैरवगढ़ पुलिस के अलावा उच्च स्तर पर भी जांच शुरू हो गई है। कलेक्टर बोले 10 से 12 करोड़ रुपए जीपीएफ घोटाला, सिपाही के खिलाफ एफआईआर कराई, शासन को अवगत करा दिया

कलेक्टर: राशि बढ़ी है। कर्मचारियों के जीपीएफ को मेनूप्लेट कर अपने खाते में डाल लिया। इसमें एक सिपाही के खिलाफ केस दर्ज किया है। ट्रेजरी से जब पैमेंट होता है तो अकाउंट नंबर का काम डीडीओ अर्थात जेल अधीक्षक ही करते है। ढाई साल से ये सब चल रहा था। अब संज्ञान में आया तो एफआईआर कराई गई। भोपाल से आकर एक टीम जांच करेगी। इस संदर्भ में हमने कमिश्नर ट्रेजरी व डीजी जेल से रिक्वेस्ट की है कि इसमें जेल की भूमिका की है। जीपीएफ सेंसश कार्यालय प्रमुख ही करता है इसका बकायदा आवेदन होता है बिना आवेदन के उसका पैसा निकल गया। मामला बड़ा है। शासन के संज्ञान में ला दिया है। 10 से 12 करोड़ का घोटाला है और ये गबन ही है। ये राशि और भी बढ़ सकती है। पुलिस एफआईआर के आधार पर अपना इनवेस्टीगेशन करेगी व जांच में जो लिप्त होंगे कार्रवाई होगी।

 

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