16 साल की लड़की ने करवाई थी छेड़छाड़ की झूठी रिपोर्ट, ऐसे खुला राज, कोर्ट में बोलीं- मामा के कहने पर करवाई थी FIR

Edited By meena, Updated: 02 Aug, 2022 05:59 PM

16 year old girl got false report of molestation done

इंदौर में 16 साल लड़की ने छेड़छाड़ की झूठी FIR दर्ज करा दी। पुलिस ने आरोपी को जेल भी भेज दिया। खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने कोर्ट में नाबालिग का 9वीं की छात्रा होने का दावा किया। जबकि चालान डायरी में जिस स्कूल में नाबालिग ने खुद को जाना बताया था

इंदौर(सचिन बहरानी): इंदौर में 16 साल लड़की ने छेड़छाड़ की झूठी FIR दर्ज करा दी। पुलिस ने आरोपी को जेल भी भेज दिया। खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने कोर्ट में नाबालिग का 9वीं की छात्रा होने का दावा किया। जबकि चालान डायरी में जिस स्कूल में नाबालिग ने खुद को जाना बताया था, वहां नौवीं तक क्लास ही नहीं है। स्कूल 8वीं तक ही लगता है। पूछताछ होने पर नाबालिग ने ऐसा आरोप लगाने के सवाल पर कहा कि मामा के कहने पर उसने ऐसा किया था। कोर्ट ने ही पूरे मामले में पुलिस को गलत FIR दर्ज करने की बात कही है।

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जिला न्यायालय में वकील कृष्णकुमार कुन्हारे ने बताया कि 9 अप्रैल 2017 को बंशी माधवानी के खिलाफ 16 साल की नाबालिग लड़की ने थाना सराफा में पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था। नाबालिग ने पुलिस से शिकायत में बताया, मिलन साड़ी की दुकान पर बंशी माधवानी ने लड़की का नाम-पता पूछ कर पहचान की। इसके बाद परेशान करने लगा। पुलिस ने बंशी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

इस मामले में सराफा थाने के सब इंस्पेक्टर नरेंद्र जैसवार ने कोर्ट में चालान पेश किया। नाबालिग ने कोर्ट को दिए बयान में बताया कि उसके मुंह बोले मामा पर मामी ने घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया है। बंशी माधवानी इस केस में मामी की कानूनी मदद कर रहा है। इसी रंजिश में मामा ने बंशी के खिलाफ झूठी रिपोर्ट करने के लिए कहा था।

एडवोकेट कृष्णकुमार कुनहरे ने बताया कि सेशन जज विशेष न्यायाधीश पावस श्रीवास्तव ने फैसले में टिप्पणी की कि, ये पॉक्सो एक्ट का सीधे-सीधे दुरुपयोग है। पुलिस के चालान के साथ लगे दस्तावेजों और उप प्राचार्या के बयान से यह साफ है कि नाबालिग 8वीं तक ही पढ़ी है। नाबालिग की मां भी बयान देने कोर्ट में नहीं पहुंची। पुलिस ने जो दस्तावेज कोर्ट में लगाए थे उसी से खुलासा हुआ कि नाबालिग लड़की द्वारा जो दस्तावेज लगाए है। वह स्कूल 8 वीं तक ही है कोर्ट ने माना कि मामा के कहने पर लड़की द्वारा झूठी रिपोर्ट पेश की गई थी। कोर्ट द्वारा आरोपी को दोष मुक्त कर दिया गया है।

फिलहलाल पीड़ित के एडवोकेट द्वारा जांच अधिकारी द्वारा झूठा प्रकरण दर्ज करने को लेकर पुलिस कमिश्नर को आवेदन देकर जांच अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की माग की जाएंगी। वही युवती व उसके मामा के खिलाफ भी झूठा केस दर्ज कराने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई जाएंगी।

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