Edited By meena, Updated: 18 Mar, 2025 07:38 PM

वन और वन्यजीवों की सुरक्षा का अहम जिम्मा वन विभाग का होता है...
छिंदवाड़ा (साहुल सिंह) : वन और वन्यजीवों की सुरक्षा का अहम जिम्मा वन विभाग का होता है। बकयादा सरकार इसके लिए हर वर्ष लाखों रु. का बजट पास करती है। ताकि बहुमूल्य जंगल और वन्यप्राणी सुरक्षित रहे। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों लचर रवैये के चलते दोनों ही इन दिनों सुरक्षित नहीं है। गर्मी के मौसम की दस्तक के बाद से ही जंगलों में आगजनी जैसे मामले सामने आते है। एक ऐसा ही मामला पश्चिम वनमण्डल के अंतर्गत सांवरी रेंज की बिजागोरा बिट से सामने आया है। जहां बिजागोरा बिट में एन.पी.व्ही योजना के अंर्तगत वर्ष 2023-24 कैम्पा मद के तहत कक्ष क्र. RF- 639 रकबा 50 हेक्टेयर में 31 हजार 250 बांस का वृक्षारोपण किया गया था। लेकिन वन विभाग अधिकारियों -कर्मचारियों की अनदेखी के चलते आधा से ज्यादा बांस प्लांटेशन आग से जलकर खाक हो गया।
बता दें कि जंगल को आग से बचाने के लिए वन विभाग नवंबर- दिसंबर माह में जंगलों में फायर लाइन का कार्य करता है। जिसके लिए शासन बकयादा बजट भी जारी करता है। इसका मुख्य उद्देश्य जंगल को आग से लपटों से बचाना होता है। लेकिन उसके बाद भी इतने बड़े क्षेत्र में आग लगने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों पर सवाल उठ रहे हैं। इससे आप साफ अंदाजा लगा सकते हो कि वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने दायित्व को लेकर कितने निष्ठावान नजर आते हैं। यदि ऐसे ही हालात रहे तो आप सोच सकते हैं वन और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग कितना गंभीर है।