Edited By meena, Updated: 16 Jul, 2025 08:38 PM

सरकार भले ही विकास के कितने ही दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही निकलती है....
कांकेर (लीलाधर निर्मलकर) : सरकार भले ही विकास के कितने ही दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही निकलती है। कुछ ऐसा ही छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का हाल है, जहां विकास के खोखले दावों की पोल खोलती एक तस्वीर सामने आई है। जहां एक गर्भवती महिला को कीचड़ से भरी कच्ची सड़क पर पैदल चलकर एंबुलेंस तक पहुंचना पड़ा। मामला विकासखंड कोयलीबेड़ा के अंतर्गत ग्राम पंडरीपानी का है। जहां पंडरीपानी से गुमड़ीपारा मार्ग की स्थिति इतनी खराब है कि गर्भवती महिला को इलाज के लिए चार किमी. कच्ची कीचड़नुमा सड़क पैदल पार करना पड़ा। उसकी मदद के लिए उसके साथ परिवार की चार महिलाएं भी थी।
जानकारी के अनुसार, कोयलीबेड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत परतापुर के आश्रित ग्राम पंडरीपानी से गुमड़ीपारा पहुंच मार्ग की हालत अत्यंत खराब है। यह सड़क लगभग चार किलोमीटर की सड़क इतनी जर्जर है कि दुपहिया और चार पहिया वाहन चलाना भी संभव नहीं है। ग्राम पटेल देवनिधि नरवास ने बताया सरपंच को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया है, लेकिन उन्होंने इस सड़क को कभी गंभीरता से नहीं लिया। सरपंच और सचिव इस समस्या को नजर अंदाज करते आ रहे हैं। ग्रामीणों ने शासन से मांग किया है कि पंचायत को सरकार के द्वारा कई निधि से पैसा मिला है, उसकी जांच किया जाएं कि किस कार्य में खर्च किया गया है।

सड़क मरम्मत करवाने की ग्रामीणों ने की मांग
गांव की जीवन रेखा को सुधारने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि कतई गंभीर नहीं है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस सड़क की मरम्मत कराई जाए और ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएं। इसके साथ ही सरपंच और सचिव की लापरवाही की जांच करते हुए कार्रवाई भी किया जाए।
मुश्किलें नहीं हो रहीं कम
गर्भवती महिला सुनीता कोमरा पति संजय कोगरा को चार किलोमीटर की कच्ची सड़क पैदल चलकर पार करनी पड़ी। चार किमी परतापुर पहुंची, जहां गर्भवती महिला का इंतजार एंबुलेंस कर रही थी। महिला को इलाज के लिए पखांजूर सिविल अस्पताल लाया गया। परतापुर की यह घटना इस बात का प्रमाण है कि सड़क की खराब हालत के कारण ग्रामीणों को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।