Edited By meena, Updated: 18 Nov, 2024 08:15 PM
गुना जिले की कृषि उपज मंण्डी के डबल लॉक केंद्र पर रविवार सुबह से ही डीएपी (डी-अमोनियम फॉस्फेट) खाद के वितरण के लिए किसानों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी...
गुना (मिस्बाह नूर) : गुना जिले की कृषि उपज मंण्डी के डबल लॉक केंद्र पर रविवार सुबह से ही डीएपी (डी-अमोनियम फॉस्फेट) खाद के वितरण के लिए किसानों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। केंद्र पर डीएपी मिलने की उम्मीद में आए किसान इस कदर व्यथित हैं कि उन्हें एक-एक कट्टे के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सोमवार को स्थिति और भी खराब हो गई, जब महिला और पुरुषों की मिली-जुली भीड़ ने खिड़की के पास पहुंचने के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया।
कृषि क्षेत्र में उर्वरक की भारी कमी के कारण, जिले के चारों ओर से किसान यहां आकर डीएपी के लिए कतार में लगे हुए थे, लेकिन व्यवस्था की कमी और भारी भीड़ ने उन्हें मानसिक और शारीरिक परेशानियों का सामना कराया। इस दौरान, एक महिला किसान को खिड़की तक पहुंचने का मौका न मिलने पर वह गुस्से में आकर खिड़की तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे एक अन्य किसान को चप्पलों से मारने लगी। यह दृश्य केंद्र पर आने वाले बाकी किसानों के लिए चौंकाने वाला था।
किसानों ने बताया कि यहां उन्हें डीएपी के लिए एक कट्टा भी हासिल नहीं हो रहा है, जबकि वे 24 घंटे भूखे रहकर भी इस उर्वरक की तलाश में लगे हैं। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग कतारों की व्यवस्था न होने से वे सभी एक ही जगह पर बेतहाशा भिड़ रहे हैं, जिससे खतरनाक स्थिति बन गई है। केंद्र पर पानी तक की उचित व्यवस्था नहीं है, और किसानों को 20 रुपये की बोतल खरीद कर पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।
पुलिस को भी भीड़ नियंत्रित करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। भीड़ इतनी अधिक हो गई है कि हादसों का खतरा बना हुआ है, और लोगों को घबराहट और चोटें लगने का डर बना हुआ है। इस हालत में, किसानों का कहना है कि वे जैसे-तैसे किसी भी तरीके से खाद प्राप्त करने के लिए यहां जुटे हुए हैं, क्योंकि उनका कहना है कि बिना डीएपी के उनकी फसलें सही से नहीं उग पातीं। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि किसानों की कृषि में उर्वरकों की जरूरत उनके अस्तित्व से जुड़ा हुआ सवाल बन चुकी है।