Edited By meena, Updated: 06 Jan, 2025 01:34 PM
छतरपुर जिले में नामांतरणों में फर्जीवाड़ा वर्ष 2023 एवं 24 में हुआ जिसकी जांच सागर कमिश्रर वीरेंद्र रावत एवं छतरपुर...
छतरपुर (राजेश चौरसिया) : छतरपुर जिले में नामांतरणों में फर्जीवाड़ा वर्ष 2023 एवं 24 में हुआ जिसकी जांच सागर कमिश्रर वीरेंद्र रावत एवं छतरपुर पूर्व कलेक्टर संदीप जी आर ने औचक निरीक्षण कर छापेमारी करते हुए लगभग 300 से 400 प्रकरणों को जब्त किया था। गौरतलब हो कि छतरपुर की पूर्व तहसीलदार रंजना यादव के द्वारा लगभग एक हजार से ज्यादा प्रकरण खारिज किए फिर उन्हीं प्रकरणों को बिना तरीख दिए एवं बिना पक्षकारों को सुने बेकडोर इंट्री से सभी नामांतरण आदेश जारी कर दिए। जिसमें लाखों रुपए की वसूली की गई। कई वकीलों ने इस पर आपत्ति भी की परंतु तहसीलदार रंजना यादव ने वरिष्ठ अधिकारियों को अपने पक्ष में साध रखा था जिसके चलते उन पर कोई कार्रवाई ही नहीं की गई।
मप्र का छतरपुर तहसील का यह नामांतरण घोटाला राजस्व अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। छतरपुर तहसील में आज भी ऐसे प्रकरण हैं जो पूर्व तहसीलदार के द्वारा बेकडेट से नामांतरण किए गए हैं परंतु उनके आदेश कंप्यूटर पर दर्ज नहीं किए गए। गौरतलब हो कि छतरपुर तहसील में वर्ष 2023-24 में नामातंरणों के थोक में प्रकरणों को निरस्त किया गया और फिर अपने चहेते बाबू एवं पटवारियों से मिलकर मैडम ने इन नातांकरणों के आदेश जारी कर दिए।
सागर कमिश्रर ने जांच की और उसके बाद छतरपुर कलेक्टर ने भी नातांतरणों की जांच की परंतु मैडम ने दोनों अधिकारियों को लंबा फीलगुड करा दिया जिसके चलते उन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि नए कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने आते ही तहसीलदार रंजना यादव को छतरपुर तहसील से हटाकर नौगांव तहसील में पदस्थ कर दिया।
आज भी कई नामांतरण ऐसे कर दिए गए जिन पर हाईकोर्ट से रोक लगी थी। कलेक्टर बंगले के सामने बनी दुकानों एवं जमीनों के नामांतरण किए गए जिसमें एक लाख से तीन लाख रुपए की वसूली की गई। यह नामांतरण कई वर्षों से नहीं हो पा रहे थे।