Edited By suman, Updated: 28 May, 2019 09:25 AM
कमलनाथ सरकार ने सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में भाजपा सरकार की रेत खनन नीति को पलटते हुए नई रेत खनन नीति को मंजूरी दे दी। इसमें पंचायतों से रेत खनन के अधिकार वापस लेते हुए खदानों को समूह में नीलाम करने का प्रावधान है। इससे सरकार को सालाना 900 करोड़...
भोपाल: कमलनाथ सरकार ने सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में भाजपा सरकार की रेत खनन नीति को पलटते हुए नई रेत खनन नीति को मंजूरी दे दी। इसमें पंचायतों से रेत खनन के अधिकार वापस लेते हुए खदानों को समूह में नीलाम करने का प्रावधान है। इससे सरकार को सालाना 900 करोड़ रुपए राजस्व मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में प्याज की खरीदी भावांतर योजना के तहत किये जाने का फैसला किया है। छिंदवाड़ा में विश्विद्यालय की स्थापना को मंजूरी दी गई है। रेत खनन नीति में बदलाव के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। अब रेत खनन के लिए पंचायत स्तर के अधिकार समाप्त होंगे।
कैबिनेट बैठक के यह बड़े फैसले
2003 तक की योजनाए जिनको ख़त्म कर दिया गया था उनका उनयन किया जाएगा।
जिले के छोटे काम जिले में ही बैठक कर निपटा दिए जाएँगे| ज़िला योजना समिति के तहत बैठक की जाएगी।
औद्योगिक नीति के तहत पीठमपुर अद्योगिक क्षेत्र में आने वाली ज़मीन को अधिग्रहीत करने के बजाय किसानो की जमीन अब सरकार खरीदेगी।
25 प्रतिशत भूमि रेसीडेंसीयल रहेगी, उसमें किसानो को प्लॉट या मकान दिया जाएगा।
छिन्दवाडा में शशकिय यूनिवर्सिटी का निर्माण किया जाएगा।
किसानो को कलेक्टर गाइड लाइन की क़ीमत पर 50 प्रतिशत एक्स्ट्रा राशि किसानो को दी जाएगी।
अब किसानों की जमीन का अधिग्रहण नहीं करेगी सरकार।
अब किसान को जमीन के बदले बॉन्ड देगी सरकार।
किसानों को खेती के लिये शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज जारी रहेगापीथमपुर से पायलट प्रोजेक्ट की तैयारी।
नई रेत खनन नीति से सरकार को 900 करोड़ रुपये की आमदनी की उम्मीद।
पंचायत से छीनकर ठेके पर रेत खदानें।