Edited By meena, Updated: 25 Feb, 2025 12:54 PM
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औद्योगिक विकास की तेज दौड़ लगा रहे मध्य प्रदेश में आने वाले 25 वर्षों में दो नए मेट्रो पॉलिटियन नगर विकसित किए जाएंगे...
भोपाल : औद्योगिक विकास की तेज दौड़ लगा रहे मध्य प्रदेश में आने वाले 25 वर्षों में दो नए मेट्रो पॉलिटियन नगर विकसित किए जाएंगे। इंदौर और भोपाल के आसपास के छोटे शहरों और जिलों को जोड़कर एक नया आकार दिया जाएगा। इसके लिए किसी कानूनी और कागजी कार्रवाई से बचते हुए इन्हें औद्योगिक क्षेत्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंगलवार को मानव संग्रहालय में ग्लोबल इंवेस्टर समिट के दूसरे दिन यह बात कहीं।
सीएम मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में समिट के दूसरे दिन के सेशन की शुरुआत की। कार्यक्रम में प्रदेश के कई मंत्री भी मौजूद थे। इस दौरान मोहन यादव ने कहा कि छोटे छोटे शहरों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की कल्पना पर शुरुआती दौर में ताज्जुब किया गया था। लेकिन इससे मिलने वाले परिणामों से उद्योगपति, निवेशक, अधिकारी सभी आश्चर्यचकित हैं।
यह बोले सीएम
- प्रदेश में संभाग स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत उज्जैन से हुई। जिसके बाद पूरा साल हर महीने (चुनाव की अवधि छोड़कर) किसी एक संभाग में इसका आयोजन किया गया।
- इस दौरान उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, सागर, जबलपुर, शहडोल, नर्मदापुरम जैसे छोटे स्थानों पर भी यह आयोजन किए गए।
- शुरुआत में छोटे शहरों की कॉन्क्लेव को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया गया था। लेकिन बाद में इसके बेहतर परिणाम नजर आए। इससे निवेशकों और उद्योगपतियों का कॉन्फिडेंस बढ़ा है।
- इंदौर की बजाए भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर समिट की बात पर आश्चर्य किया गया। लेकिन हमें अब इंदौर को मुंबई और दिल्ली जैसा विकसित करना है और प्रदेश के बाकी शहरों को इंदौर की तरह विकास देना है।
- इंदौर को धार(पीथमपुर), देवास, उज्जैन(मक्सी, नागदा, शाजापुर) जैसे औद्योगिक शहरों के साथ जोड़कर मेट्रो पॉलिटियन नगर बनायेंगे।
- करीब 8000 किलोमीटर के इस दायरे में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- कानूनी पेचीदगियों से हटकर यह क्षेत्र इंडस्ट्रियल बेल्ट के रूप में विकसित किया जाएगा।
- भोपाल के औद्योगिक विकास के लिए इसके साथ विदिशा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम जिलों को जोड़कर मेट्रो पॉलिटियन नगर बनाया जाएगा।
- इन सभी क्षेत्रों में बिजली, पानी, रेलवे, सीवेज और स्वच्छता की व्यवस्थाएं बढ़ाई जाएंगी।
- अगले 25 सालों में इस औद्योगिक कल्पना को आकार दे दिया जाएगा।
- ग्लोबल इंवेस्टर समिट के बाद शहरी और नगरीय विकास की धारणा के साथ अलग अलग एक एक विषय के आधार पर कॉन्क्लेव की जाएंगी।