Edited By Prashar, Updated: 21 Aug, 2018 02:35 PM
विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राज्य में नेताओं का जनता को रिझाने को दौर चरम पर है। इसी तरह से जनता ने भी विकास कार्यों को लेकर मंत्रियों को घेरना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में ग्राम पंचायत कांटी से सटे गांवों के करीब नौ हजार लोगों ने सरकार के खिलाफ...
छतरपुर : विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राज्य में नेताओं का जनता को रिझाने को दौर चरम पर है। इसी तरह से जनता ने भी विकास कार्यों को लेकर मंत्रियों को घेरना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में ग्राम पंचायत कांटी से सटे गांवों के करीब नौ हजार लोगों ने सरकार के खिलाफ मौर्चा खोल दिया। दरअसल इन गांवों की दूरी मुख्य सड़क से 6 किमी है जो कि खराब है। ऐसे में लोगों का कहना है कि अगर सड़क नहीं तो वोट नहीं।
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए लोगों ने ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ के नारे लगाए। जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपनी मंशा जाहिर कर ज्ञापन भेजा है। रामनगर के ग्रामीणों ने बताया कि छतरपुर से राजनगर जाने वाली सड़क से उनके गांव के लिए उबड़ खाबड़ रास्ता गई है। पिछले 15 वर्षों से प्रदेश में भाजपा की सरकार है। यहां के लोगों ने भी भाजपा को सत्ता में पहुंचाने में अपना योगदान दिया लेकिन न तो क्षेत्रीय विधायक और न ही सांसद ने उनके गांव की सुध ली है।
लोगों का कहना है कि बीमार होने की स्थिति में लोगों के ऊपर पहाड़ टूटने जैसी आफत आती है। ग्रामीणों ने बताया कि 8 नवंबर 17 को सड़क निर्माण के लिए सीएम के हाथों ज्ञापन सौंपा था लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उनका कहना है कि गोपालपुरा तिगैला से रामनगर तक यदि पक्की सड़क नहीं बनाई गई तो वे आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे।