Edited By meena, Updated: 23 Aug, 2025 01:36 PM

खैरागढ़, स्वच्छ, सुंदर और विकसित गांव की कल्पना करने वाला क्षेत्र उस वक्त दहशत और चिंता में डूब गया...
खैरागढ़ (हेमंत पाल) : खैरागढ़, स्वच्छ, सुंदर और विकसित गांव की कल्पना करने वाला क्षेत्र उस वक्त दहशत और चिंता में डूब गया, जब ग्राम देवरीभठा में सैकड़ों लोगों को अचानक उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी। देखते ही देखते गांव में डायरिया का प्रकोप फैल गया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
यह गांव किसी और का नहीं, बल्कि खुद खैरागढ़ की विधायक यशोदा वर्मा का गृह ग्राम है। ऐसे में यह सवाल खड़ा करता है कि जब जनप्रतिनिधि के अपने गांव की स्थिति यह है, तो अन्य ग्रामीण अंचलों की हालत कैसी होगी?
गंदे पानी ने छीना ग्रामीणों का चैन
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि गांव में घर-घर पाइपलाइन से जो पानी सप्लाई हो रहा है, वह पाइपलाइन में लीकेज के कारण गंदगी से होकर गुजर रहा था। इसी दूषित पानी को पीने के कारण लोगों में तेज उल्टी-दस्त की शिकायतें आईं और कई लोगों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

विकास के वादों के बीच ज़मीनी हकीकत
विधायक यशोदा वर्मा द्वारा चुनावी मंचों से क्षेत्र को स्वच्छ और विकसित बनाने की बातें जरूर कही गई थीं, लेकिन गांव की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। गली-कूचों में गंदगी, बजबजाती नालियां और टूटी जल-आपूर्ति व्यवस्था लंबे समय से गांववासियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है।