Edited By meena, Updated: 02 Sep, 2025 08:34 PM

छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर कहा है...
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर कहा है कि गत दिनों बस्तर संभाग में लगातार हुई भीषण वर्षा के कारण गंभीर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न है तथा बस्तर में बाढ़ से हुई जन-धन हानि पर तत्काल राहत एवं मुआवजा प्रदान करना चाहिए। डा. महंत ने मंगलवार को कहा कि इस आपदा से जन-जीवन पर गहरा असर पड़ा है। हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं, किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, मकान व संपत्तियों को अपार क्षति पहुँची है। अनेक ग्रामीण आज भी सुरक्षित आश्रय और भोजन-पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दुर्भाग्यवश, जिला प्रशासन की ओर से अपेक्षित तत्परता और सहयोग अब तक दिखाई नहीं पड़ा है। जनता स्वयं को असहाय अनुभव कर रही है।
डा. महंत ने कहा कि, छत्तीसगढ़ विशेष रूप से एक आदिवासी बहुल प्रदेश है। जहां जनजीवन मुख्यत: वन संसाधनों पर निर्भर रहता है। ऐसी स्थिति में जब फसलें और जंगल दोनों जलमग्न हो जाते हैं, तो आदिवासी भाइयों-बहनों के सामने भोजन, दवाईयों और आजीविका की भारी समस्या खड़ी हो जाती है। बरसात के मौसम में बीमारियों का फैलना, मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियां और सर्पदंश की आशंका भी बड़ी चुनौती है। यह केवल आर्थिक हानि का प्रश्न नहीं है, बल्कि जन-जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा का प्रश्न है। इस संकट से निकलने के लिए तत्काल और प्रभावी हस्तक्षेप आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 तथा भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ऐसे अवसरों पर प्रभावित नागरिकों को तत्काल राहत और उचित मुआवजा दिया जाना आवश्यक है। इसके लिए एस.डी.आर.एफ. तथा एन.डी.आर.एफ. के प्रावधान स्पष्ट रूप से उपलब्ध हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि. जब मुझे भारत सरकार में कृषि राज्य मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर मिला था, उस समय मैंने एस.डी.आर.एफ. और एन.डी.आर.एफ. के माध्यम से छत्तीसगढ़ सहित अनेक राज्यों के किसानों और आपदा-पीड़ितों को राहत एवं मुआवजा दिलाने का प्रयास किया था, आज भी वही संवेदनशीलता और दायित्व हम सबकी अपेक्षा है।
डॉ. महंत ने कहा कि, बस्तर संभाग में तत्काल विशेष राहत दल भेजा जाना चाहिए तथा एस.डी.आर.एफ.- एन.डी.आर.एफ. फंड से प्रभावित परिवारों को मुआवजा एवं पुनर्वास सहायता शीघ्र प्रदान की जाए। साथ ही फसल हानि, मकान क्षति और जनहानि का सर्वे कराकर पारदर्शी ढंग से आर्थिक मदद दी जाए तथा प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर एवं आवश्यक दवाओं की व्यवस्था की जाए, साथ ही सर्पदंश जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए मेडिकल टीम तैनात की जाए। इसके अलावा दीर्घकालिक द्दष्टिकोण से बस्तर क्षेत्र में बाढ़ प्रबंधन एवं सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।