Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 05 Dec, 2018 02:51 PM
ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा बल्कि अब इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है। यहां खटलापुर हेड क्वाटर की पुरानी कैंटीन के पीछे सैकड़ों खाली डाक मतपत्र लावारिस...
भोपाल: ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा बल्कि अब इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है। यहां खटलापुर हेड क्वाटर की पुरानी कैंटीन के पीछे सैकड़ों खाली डाक मतपत्र लावारिस पड़े मिले। इस तरह सैंकड़ों मतपत्र मिलने पर शासन व प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आई है।
प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान था। उससे पहले 18 नवंबर से पोस्टल बैलेट डालने का सिलसिला शुरू हुआ था। 4 हज़ार से ज़्यादा पुलिस कर्मचारी और अफसरों ने डाक मत पत्र डाले थे। पोस्टल बैलेट 26 नवंबर की शाम तक जमा कराने थे। 28 नबंवर को मतदान ख़त्म होने के बाद सभी तरह के मतपत्रों को पुरानी जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच रखवा दिया गया था। लेकिन तकरीबन एक सप्ताह के बाद यहां सैकड़ों डाक मतपत्र पुलिस हेड क्वार्टर की पुरानी कैंटीन में मिलने पर निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। पहले भी मुख्यालय पर संख्या के हिसाब से व्यवस्था नहीं होने की वजह से मतदान के दौरान पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया था।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने लाल परेड ग्राउंड के पुलिस जिम में मतदान की व्यवस्था की थी। जिम में भोपाल में आने वाली सात विधानसभाओं के लिए पोलिंग बूथ बनाया था। इस पोलिंग बूथ के लिए सिर्फ दो गेट थे, जहां से पुलिस कर्मचारियों के आने-जाने की व्यवस्था थी। अब सवाल यह उठता है कि इतने डाकमत आए कहां से और इसके पीछे किसकी लापरवाही है। इस बात का खुलासा तो जांच के बाद ही हो सकेगा।