Edited By Vikas Tiwari, Updated: 14 May, 2023 04:45 PM

इंदौर में एक नाबालिग ने एग्जाम में फेल हो जाने के डर से खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची। लेकिन पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो बच्ची ने सारा राज खोल कर रख दिया।
इन्दौर (सचिन बहरानी): इंदौर के बाणगंगा थाना (banganga thana) क्षेत्र में एक नाबालिग के अपहरण का मामला (minor kidnapping case) सामने आया था। जिसमें नाबालिग ने अपने अपहरण होने की जानकारी परिजनों को दी थी। जिसके बाद पुलिस ने नाबालिक को धरमपूरी से बरामद किया और महाकाल मंदिर (mahakal temple) के धागे ने पूरे राज से पर्दा उठा दिया। दरअसल फेल होने के डर से नाबालिग ने अपने अपहरण की साजिश रची थी। मामला इन्दौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र का है। जहां एक नाबालिग के पिता ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी बेटी कोचिंग गई थी, जिसके बाद वह घर वापस नहीं लौटी थी। पुलिस ने अपहरण की धाराओं में मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की थी।
पहले पुलिस को सुनाई झूठी कहानी
वहीं आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जिसमें कुछ नजर नहीं आया। लेकिन अगले दिन नाबालिग ने अपने पिता को फोन करके यह जानकारी दी कि उसे आकर बचा लिया जाए, इस बात की सूचना पिता ने पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत धरम पूरी पहुंची और उसे वहां से नाबालिक को अपनी अभिरक्षा में लिया और जब थाने लाकर नाबालिग से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि रिक्शा वाले ने उसका अपहरण किया था, जब उसे होश आया तो वह एक खेत में थी। वहां से उसने अपने पिताजी को जानकारी दी थी। लेकिन उसके साफ-सुथरे कपड़े देखकर पुलिस का शक गहराता गया।
सख्ती से पूछताछ के बाद हुआ खुलासा
वहीं हाथ में एक महाकाल मंदिर का धागा भी बंधा हुआ था। जब सख्ती से उससे पूछताछ की गई तो उसने सारी कहानी पुलिस को बयां कर दी। जिसमें उसने बताया कि वह फेल हो गई थी। परिजन की सहानुभूति प्राप्त करने के लिए उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी रची थी। वह अपने कोचिंग क्लास से सीधे उज्जैन चली गई थी। वहां उसने महाकाल के दर्शन किए और धर्मपुरी में आकर अपने पिता को अपहरण की जानकारी दी। फिलहाल पुलिस ने महाकाल मंदिर के धागे से पूरी झूठी कहानी पर से पर्दा हटा दिया और नाबालिग को समझाइश देकर परिजन के सुपुर्द किया गया है।