MP के प्रतीक हजेला का है असम में NRC की लिस्ट तैयार करने में अहम रोल, जानिए कौन है यह शख्स

Edited By meena, Updated: 31 Aug, 2019 03:40 PM

hajela s important role in preparing the list of nrc in assam

असम में बेहद जटिल नागरिकता ड्राफ्ट एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। इसमें करीब 19.07 लाख आवेदकों को बाहर रखा गया है। यह सूची शनिवार सुबह 10 बजे प्रकाशित की गई। एनआरसी की सूची में शामिल किए गए लोगों...

भोपाल(ब्यूरो): असम में बेहद जटिल नागरिकता ड्राफ्ट एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। इसमें करीब 19.07 लाख आवेदकों को बाहर रखा गया है। यह सूची शनिवार सुबह 10 बजे प्रकाशित की गई। एनआरसी की सूची में शामिल किए गए लोगों की पूरक सूची एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके), उपायुक्त के कार्यालयों और क्षेत्राधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध है। 1951 को अपडेट करने जैसे कठिन कार्य को अंजाम देने का श्रेय मध्यप्रदेश के प्रतीक हजेला को दिया जा रहा है। प्रतीक 1995 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईएएस हैं।

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जानिए कौन है प्रतीक हजेला
50 वर्षीय प्रतीक हजेला भोपाल के रहने वाले हैं। वे एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता एसपी हजेला मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अफसर थे और उनके छोटे भाई अनूप हजेला भोपाल के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर हैं। हजेला के चाचा पीडी हजेला प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे और वे इलाहाबाद व सागर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर भी थे। प्रतीक हजेला शादीशुदा हैं उनकी एक 8 साल की बेटी भी है जिसका नाम आरजू है। वे आरजू की तस्वीरें और वीडियो अक्सर अपने फेसबुक वॉल पर शेयर करते रहते हैं

हजेला असम-मेघालय कैडर के अधिकारी हैं। उन्होंने आइआइटी दिल्ली से 1992 में इलेक्ट्रानिक्स में बीटैक किया है। उनकी तैनाती मुख्य रूप से असम गृह मंत्रालय में ही रही है। उन्होंने गृह आयुक्त के रूप में काम किया। उन्हें स्पेशल कमिश्नर नियुक्त कर इमरजेंसी ऑपरेशन की ड्यूटी पर तैनात किया गया। इतना ही नहीं बेहद पारदर्शी ढंग से 5000 सिपाहियों की भर्ती के लिए उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा सम्मान भी मिला। लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्धी उन्हें इस कठिन कार्य के सौंपे जाने के बाद मिली।

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सौंपी गई एनआरसी अपडेशन की जिम्मेवारी
5 सितंबर, 2013 में प्रतीक हजेला असम की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के अंतर्गत कमिश्नर बनाए गए। इसके बाद, उन्हें एनआरसी अपडेशन प्रक्रिया के स्टेट कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री  तरुण गोगोई के अनुसार हजेला की नियुक्ति इसलिए की गई क्योंकि उन्हें विषय की समुचित जानकारी थी। उन्होंने बताया कि उस वक्त वह एक सक्षम ब्यूरोक्रैट थे और उनके खिलाफ कोई नकारात्मक रिपोर्ट सामने नहीं आई थी। जुलाई 1996 में प्रतीक असम के सिलचर में असिस्टेंट कमिश्नर बनकर पहुंचे। 

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बड़ी शिद्दत से निभाई जिम्मेवारी
सूत्रों की माने तो एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी संभालने के 6 महीने के बाद ही उन्होंने अकेले ही इस प्रक्रिया को पूरी करने की रुपरेखा तैयार की और अगस्त 2014 में 10 से 12 लोगों की कोर टीम बनाई।

वे भी हुए थे लिस्ट से बाहर
हजेला के जीवन से जुड़ा एक रोचक तथ्य भी है कि उन्हें खुद भी जब एनआरसी के लिए आवेदन किया तो 31 दिसंबर 2017 को प्रकाशित पहले ड्राफ्ट में उनका और उनकी बेटी का नाम शामिल नहीं था। लेकिन 2018 में मामले की दोबारा सुनवाई के दौरान फाइनल ड्राफ्ट में उनका नाम शामिल कर लिया गया। इसमें 40 लाख आवेदकों के नाम शामिल नहीं थे। वहीं इस मामले में मीडिया से बातचीत करने के लिए कड़ी फटकार लगाई और जेल में डालने की भी धमकी दी।


 

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