MP हाइकोर्ट में DMF नियम को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई, सरकार को नोटिस जारी

Edited By Himansh sharma, Updated: 04 May, 2025 08:13 PM

hearing of the petition challenging the dmf rule in mp high court

सिंगरौली के समाजसेवी घनश्याम पाठक द्वारा लगाई गई जनहित याचिका की सुनवाई 29 अप्रैल को हुई

सिंगरौली। (अंबुज तिवारी): मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में सिंगरौली के समाजसेवी घनश्याम पाठक द्वारा लगाई गई जनहित याचिका की सुनवाई 29 अप्रैल को हुई. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम में 2022 में हुए सांशोधन को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सिंगरौली जिले के समाजसेवी घनश्याम पाठक ने 2023 में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रस्तुत की थी.

इसमें याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ब्रह्मेन्द्र पाठक ने बताया कि जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 का मुख्य उद्देश्य जिले के अंदर खनिज संक्रियाओं से प्रभावित लोगों के उत्थान के लिए कार्य करना था.उन्होंने बताया कि जिले में एकत्रित जिला खनिज प्रतिष्ठान की राशि का 50 प्रतिशत उपयोग जिले के अंदर विकास कार्यों में करने का प्रावधान था राज्य सरकार ने इस नियम में 2022 में दूसरा संशोधन कर जिले के भीतर उपयोग होने वाली राशि की सीमा मात्र 50 करोड़ रुपए निर्धारित कर दी.याचिकाकर्ता की ओर उच्च न्यायालय में इसी संशोधन को चुनौती दी गई।

अधिवक्ता ब्रह्मेन्द्र पाठक ने सीईसी डेटा सेंटर की 2018 में तैयार एक सर्वे रिपोर्ट भी याचिका के साथ प्रस्तुत किया है। जिसमें बताया गया है कि सिंगरौली जिला देश के पिछड़े जिलों में शामिल है. ब्रह्मेन्द्र पाठक ने बताया कि DMF के तहत जिले में एकत्रित होने वाले हजारों करोड़ राशि का उपयोग अन्यत्र जिले में किया जा रहा है जो अवैधानिक है.

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