Edited By Himansh sharma, Updated: 01 Sep, 2025 02:22 PM

जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।
दुर्गा। (हेमंत पाल): जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। आर्थिक तंगी और मजबूरी के बीच एक दंपती ने ऐसा कदम उठाया कि अब उनके बच्चे अनाथ हो गए हैं।
आर्थिक बोझ के तले दबा परिवार
दुर्ग के सिकोला बस्ती जैतखाम में रहने वाले 50 वर्षीय तिलक कुर्रे पेंटिंग का काम करके परिवार का खर्च चलाते थे। उनकी पत्नी, 40 वर्षीय शीतल, भी मजदूरी करके घर में मदद करती थी। लेकिन हालात इतने बिगड़े कि दोनों का जीवन मुश्किलों में घिर गया।
घर की हालत पहले से ही खराब थी। बड़ा बेटा (24) मारपीट के मामले में 15 दिन से जेल में बंद था, वहीं छोटा बेटा (17) किसी तरह काम करके घर का खर्च चला रहा था।
बीमारी और बढ़ता कर्ज
इसी बीच शीतल को आंत से जुड़ी गंभीर बीमारी हो गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा और बड़ा ऑपरेशन करना पड़ा, जिसमें करीब 10 यूनिट खून चढ़ाया गया। ऑपरेशन सफल रहा, लेकिन इलाज का खर्च परिवार पर भारी पड़ गया। बिजली का कनेक्शन भी बकाया बिल न भरने के कारण कट चुका था।
पति ने दी जान
प्राप्त जानकारी के अनुसार हालात से टूटकर तिलक ने 31 अगस्त की शाम करीब 4 बजे घर में फांसी लगाकर जान दे दी। परिवार ने पत्नी शीतल को यह खबर नहीं बताई, ताकि उसकी तबीयत और न बिगड़े।
पत्नी भी चल बसी
लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। पति की मौत के करीब 12 घंटे बाद ही अस्पताल में शीतल की हालत अचानक बिगड़ने लगी। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद 1 सितंबर की सुबह 5 बजे उसने भी दम तोड़ दिया।
दोनों बेटे अकेले
अब इस परिवार के दोनों बेटे अकेले रह गए हैं—एक जेल में और दूसरा नाबालिग, जो पड़ोसियों की मदद से किसी तरह जी रहा है। मोहल्ले के लोग कहते हैं, "यह दंपती हमेशा एक-दूसरे का सहारा बने रहे, शायद इसी वजह से मौत भी उन्हें ज्यादा देर अलग नहीं रख सकी।"