Edited By meena, Updated: 23 Aug, 2025 11:36 AM

छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला, जो कभी अपने शांतिपूर्ण माहौल और अनुशासित प्रशासन के लिए जाना जाता था...
दुर्ग (हेमंत पाल) : छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला, जो कभी अपने शांतिपूर्ण माहौल और अनुशासित प्रशासन के लिए जाना जाता था, आज कानून-व्यवस्था की गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है। जिले के बोरी और लिटिया क्षेत्र आज अपराध और गुंडागर्दी के अड्डे बनते जा रहे हैं। हाल के दिनों में इन इलाकों से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, उन्होंने न केवल पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
थाना के सामने गुंडागर्दी, पुलिस नदारद!
बोरी थाना क्षेत्र में हाल ही में घटी एक घटना ने सबको हैरान कर दिया। दिनदहाड़े, थाना परिसर के ठीक सामने, कुछ गुंडों ने एक युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी। लात-घूंसे, थप्पड़ और गालियों की बारिश होती रही, और पुलिस—जो कुछ ही कदमों की दूरी पर थी—इस पूरे घटनाक्रम से बेखबर या कहें कि 'बेखौफ' बनी रही।
इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि गुंडे पूरे आत्मविश्वास के साथ मारपीट कर रहे हैं, जैसे उन्हें कोई डर ही नहीं—न कानून का, न पुलिस का, न प्रशासन का। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। ऐसे में लोग पूछ रहे हैं—जब थाने के सामने ये हाल है, तो बाकी इलाके कितने असुरक्षित होंगे?

बोरी में नशे का साम्राज्य, लोग बेहाल
बोरी की गलियों में अब नशे की दुर्गंध महसूस की जा सकती है। शराब, गांजा, नशीली दवाइयां सब कुछ आसानी से उपलब्ध है। युवा पीढ़ी इस दलदल में धँसती जा रही है और पुलिस की निष्क्रियता ने अपराधियों के हौसले और बुलंद कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस "गहरी नींद" में सोई है। शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही। कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि शायद जब कोई बड़ा हादसा होगा, तभी पुलिस जागेगी!

लिटिया में नाबालिग की चाकूबाजी डर के साए में जीते लोग
लिटिया चौकी क्षेत्र से आई खबर ने तो लोगों की नींद ही उड़ा दी। एक नाबालिग लड़के ने अपने ही मित्र पर चाकू से हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि यह लड़का इलाके में काफी समय से चाकू लहराते हुए खुलेआम गुंडागर्दी कर रहा था, लेकिन पुलिस ने कभी संज्ञान नहीं लिया।
यह घटना न केवल डरावनी है, बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि अपराधी अब उम्र नहीं, हौसलों के आधार पर काम कर रहे हैं—और उनका हौसला बढ़ा है पुलिस की चुप्पी से।
पुलिस की चुप्पी पर सवाल
बोरी और लिटिया की घटनाएं ये साफ दिखा रही हैं कि जमीनी स्तर पर पुलिसिंग पूरी तरह विफल होती नजर आ रही है। थाने और चौकी के होने के बावजूद अपराधों में कोई कमी नहीं, बल्कि इज़ाफा हो रहा है। आम जनता का भरोसा डगमगाने लगा है।