Edited By Devendra Singh, Updated: 01 Jul, 2022 11:16 AM
JCC(J) ने राज्य सरकार पर निक्कम्मेपन और केंद्र सरकार (central government) पर सौतले व्यवहार का आरोप लगाते पुतला दहन किया।
कोंडागांव (सतेंद्र शर्मा): जेसीसीजे छत्तीसगढ़ JCC(J) ने राज्य सरकार पर निक्कम्मेपन और केंद्र सरकार (central government) पर सौतले व्यवहार का आरोप लगाते पुतला दहन किया। जनता कांग्रेस JCC(J) ने आरोप लगाते कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की गलतियों का खामियाजा छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) की आम जनता भुगत रही है। जेसीसीजे के ज्ञानप्रकाश कोर्राम ने कहा कि छत्तीसगढ़वासियों ने 11 सांसदों को दिल्ली में पुतला बनने नहीं बल्कि आम जन की आवाज़ उठाने भेजा है।
छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली सभी ट्रेन रद्द
कोयला परिवहन (coal transport) के नाम पर पिछले लगभग चार महीनों से रेल मंत्रालय (railway ministry) छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली लगभग सभी प्रमुख ट्रेनों को निरंतर रद्द कर रहा है। जिससे प्रदेश के 15 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। शादी-ब्याह, खेती-किसानी के सीजन में ट्रेनों के आये दिन रद्द होने से आम जनता में खासा आक्रोश है। रोजी-रोटी कमाने ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बीजेपी कांग्रेस सांसद पत्र लिखकर कर रहे हैं खानापूर्ति
छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य (chhattisgarh is coal producer state) है और बदले में रेल मंत्रालय ही छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। रेल संकट (rail crisis in india) पर चुप्पी साधने और चिट्ठी लिखकर खानापूर्ति करने वाले छत्तीसगढ़ के कांग्रेस और भाजपा के 11 सांसदों के निक्कम्मेपन के विरुद्ध भी जनता में भारी रोष है। आखिर इन सांसदों को जनता ने दिल्ली में पुतला बनकर बैठने नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के हित और अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने चुना था।
नेताओं की गलती भुगत रही है जनता: JCC(J)
जेसीसीजे के जिला सचिव ज्ञानप्रकाश कोर्राम ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र पर दोष डालकर अपना पल्ला नहीं झाड़ रही है। सीएम और पूरा मंत्रिमंडल दस दिनों से दिल्ली में अपने नेता को सवाल पूछने पर सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर सकता है, लेकिन रेल संकट पर रेल मंत्रालय का घेराव तो दूर विरोध भी नही कर रहे हैं। केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता और राज्य सरकार की निष्क्रियता का खामियाजा छत्तीसगढ़ की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। रेल संकट का मुद्दा किसी दल का नहीं बल्कि यह छत्तीसगढ़वासियों के रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा मुद्दा है। जिस पर प्रदेश सरकार मूकदर्शक बना बैठा है।