Edited By meena, Updated: 26 Jan, 2024 06:07 PM

कालूराम बामनिया कबीरपंथी भजन गायक है, जो कि बचपन से ही कबीरपंथी भजनों को गा रहे हैं, इसके अलावा इसी परंपरा से जुड़े हुए हैं...
देवास(एहतेशाम कुरेशी): भारत सरकार ने पद्मश्री अवार्ड के लिए जो सूची जारी की है। इस सूची में नाम देवास जिले की तहसील टोंकखुर्द के ग्राम कनेरिया गांव के रहने वाले कालूराम बामनिया जी का। कालूराम बामनिया कबीरपंथी भजन गायक है, जो कि बचपन से ही कबीरपंथी भजनों को गा रहे हैं, इसके अलावा इसी परंपरा से जुड़े हुए हैं।
जैसे ही कबीरपंथी भजन गायक कालूराम बामनिया को पद्मश्री अवार्ड मिलने की खबर लगी, उनके निवास पर उनसे मिलने वाले और उनके परिजनों शुभचिंतकों का तांता लग गया और उन्हें लोगों ने बधाइयां प्रेषित की।
पद्म श्री मिलने की खबर पर कालूराम बामनिया ने कहा कि वह बचपन से ही कबीरपंथी भजन गा रहे हैं और इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं, साथ ही सादगी पूर्ण जीवन लगातार उन्होंने जिया है और उसे ही जीने की कोशिश कर रहे हैं। इस अवार्ड के लिए उन्होंने कहा कि यह अवार्ड में संतों और गुरुओं के चरणों में समर्पित करता हूं।

अपने कठिन परिश्रम की बात वह करते हुए नजर आते हैं, लेकिन साथ ही अपनी पत्नी को भी अपनी सफलता का श्रेय कालूराम बामनिया ने दिया और अपने बड़े बुजुर्गों को भी इस अवार्ड के लिए धन्यवाद दिया। आगामी समय में कबीरपंथी भजन गायन की परंपरा को बच्चों को सीखाने की बात भी कालूराम बामनिया जी ने कही, साथ ही कहा कि वह हमेशा इस परंपरा से जुड़े रहेंगे और आगामी लक्ष्य भी उनका यही है कि वह कबीरपंथी भजनों के माध्यम से लोगों तक जुड़े रहे।

कबीरपंथी भजन गायक कालूराम बामनिया के विदेश में भी श्रोता है। साथ ही देश में भी उनकी काफी लोकप्रियता है। उनका कहना है कि देश के हर संभाग में उन्होंने गायन किया है। इस अवार्ड के लिए चयन होने पर कालूराम बामनिया ने भारत सरकार का भी धन्यवाद दिया और आभार व्यक्त किया।