Edited By Devendra Singh, Updated: 27 Nov, 2022 01:36 PM

खिरकिया नगर में मुरम का अवैध उत्खनन करके उसका अवैध परिवहन कर खनिज विभाग को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।
हरदा (राकेश खरका): खिरकिया नगर (Khirkiya Nagar Panchayat) से लगे चौकड़ी ग्राम में बंद पड़ी क्रेशर खदानों से मुरम खोदकर उसका अवैध व्यापार किया जा रहा है। भू माफिया (land mafia) उत्खनन करके खिरकिया नगर (Khirkiya Nagar) में बेधड़क लाखों रुपए का अवैध व्यापार कर रहे हैं। इन्हें ना तो कोई रोकने वाला दिख रहा है और ना ही माइनिंग विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक अवैध उत्खनन करने वालों के हौसले इतने बुलंद है कि रात और दिन सैकड़ों डम्पर मुरम बीच शहर में लाकर डाल दी जाती है। लेकिन अधिकारियों के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है।
मुरम चौकड़ी की रॉयल्टी पर विवाद
भू माफिया प्रशासन को चकमा देने के लिए खिरकिया नगर से 4 किलोमीटर दूर चौकड़ी ग्राम में बंद पड़ी क्रेशर खदान से मुरम खोदकर खिरकिया में बिछा रहे हैं और रॉयल्टी हंडिया तहसील के ग्राम कुंजर गांव की दे रहे हैं। इससे पहले भी खिरकिया में बने कुछ वेयरहाउस में मुरम चौकड़ी से डाली गई और रॉयल्टी कुंजर गांव की दी गई, जो आज भी बैंकों में रिकॉर्ड के रूप में है। देखने वाली बात यह है कि 50 किलोमीटर दूर की रॉयल्टी देकर अधिकारियों को चुप कराने की नाकाम कोशिश करते भूमाफिया और राजस्व अधिकारियों ने रॉयल्टी पर कोई जांच ना करते हुए भू माफियाओं को हरी झंडी दे दी है, ऐसे आरोप संबधित विभाग के अधिकारियों पर लग रहे हैं।
मुरम की रॉयल्टी लगभग 800 रुपये, मुरम खदान पर देने पड़ेंगे। लगभग 2500 रूपए और 150 रुपये किलोमीटर के हिसाब से 50 किलोमीटर का किराया डम्फर का लगभग 7500 रुपये बनता है। यह टोटल 10, 800 रुपये होता है। जबकि खिरकिया नगर में 5000 से 6000 में मुरम के डम्पर पहुंच रहे हैं।

तहसीलदार ने दिखाई तत्परता
खिरकिया तहसीलदार राजेन्द्र पंवार ने चौकड़ी में बंद पड़ी क्रेशर खदान से अवैध मुरम खोदने को लेकर क्रेशर के ऑनर इंद्रजीत शुशील कुमार प्रजापत की खदान का पंचनामा बनवाया और खुद पहुंचकर खदान का निरीक्षण किया।
फुटेज के बाद जांच कर बात
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार राजनीतिक संरक्षण में अवैध उत्खनन बेखौफ जारी है और रॉयल्टी हंडिया तहसील की बताई जा रही है, तो भिरंगी गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे, खिरकिया रेलवे गेट, नगर में कई जगह सीसीटीवी कैमरे हैं। पिछले 5 से 6 दिनों की फुटेज खंगाली जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है। अगर विभाग सच में अवैध उत्खनन रोकना चाहता है और भू-माफिया पर कार्रवाई करना चाहता है तो गंभीरता से सीसीटीवी कैमरों की जांच कर सच्चाई को सामने लानी होगी। ।
खिरकिया कृषि उपज मंडी से सटी ललित जैन की कॉलोनी में भी सैकड़ों डम्पर मुरम इसी तरह डाली गई है। सूत्रों के अनुसार ललित जैन ने भी बगैर रॉयल्टी की मुरम डलवाई है और कही से भी रॉयल्टी लाकर खानापूर्ती करने के मामले सामने आए है। भू-माफिया ग्रामीण क्षेत्रों में मुरम खोदने के लिए भारी भरकम मशीनरी और ब्लास्टिंग का सहारा लेेते हैं और बड़े-बड़े गहरे गड्ढे करके उन्हें छोड़ देते हैं। जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
भू माफिया जहां भी अवैध मुरम डालते हैं, तो वहां अधिकारियों से सांठगांठ करके मन माने रुपये वसूलते हैं। खिरकिया तहसील में मुरम की रॉयल्टी किसी के पास नहीं है। उसके बाद भी हजारों डम्पर मुरम का कारोबार हो रहा है।