Edited By suman, Updated: 07 Feb, 2019 09:54 AM
लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों को साधने के लिए एक बड़ा दावं चला है। सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। वित्त विभाग ने एक जुलाई 2018 से पेंडिंग कर्मचारियों के दो फीसदी महंगाई भत्ते (डीए) को मंजूरी दे दी है। इससे अब कर्मचारियों...
भोपाल: लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों को साधने के लिए एक बड़ा दावं चला है। सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। मिली जानकारी के अनुसार, वित्त विभाग ने एक जुलाई 2018 से पेंडिंग कर्मचारियों के दो फीसदी महंगाई भत्ते (डीए) को मंजूरी दे दी है। इससे अब कर्मचारियों को नौ प्रतिशत डीए मिलेगा। मार्च के वेतन से इसे लागू कर दिया जाएगा। एरियर की राशि सरकार जीपीएफ खाते में जमा करेगी। इससे प्रदेश के करीब पांच लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। हालांकि डीए बढ़ने से राज्य सरकार के खजाने पर 1098 करोड़ रुपए सालाना का भार आएगा।
दरअसल, बीते साल जुलाई में केन्द्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 7 से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया था, जिसके बाद सभी राज्यों ने एक के बाद कर्मचारियों को भत्ता देना शुरु कर दिया, लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं हो सका। एक जुलाई 2018 से अब तक राज्य के कर्मचारियों को सात प्रतिशत डीए ही मिल रहा है। इसी बीच विधानसभा चुनाव हो गए और सत्ता में परिवर्तन हो गया। कांग्रेस की सरकार आ गई और अब कर्मचारी संगठन बढ़ा हुआ डीए देने की मांग कमलनाथ सरकार से कर रहे थे, इसके लिए वे वित्त मंत्री तरुण भनोट से भी मिल चुके थे । वहीं वित्त विभाग ने भी उन्हें आश्वसन दिया था कि प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, लेकिन फंड की कमी के चलते फिलहाल इस पर फैसला नहीं हो पाया है।
वित्त विभाग ने दी मंजूरी
इससे कर्मचारी संगठनों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही थी और वे आंदोलन की तरफ मुखर हो रहे थे। इससे पहले सरकार ने उनका डीए बढ़ाकर खुश कर दिया है। वित्त विभाग ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे अब कर्मचारियों को नौ प्रतिशत डीए मिलेगा। जुलाई से जनवरी तक का एरियर जनरल प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (जीपीएफओ) में, जबकि फरवरी (मार्च में भुगतान) का डीए कर्मचारियों के खाते में जमा होगा।