Edited By meena, Updated: 21 Feb, 2020 03:38 PM
मध्य प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को पुरुषों की नसबंदी का दिया गया फरमान वापस ले लिया है। सरकार ने यह फैसला बीजेपी और मीडिया के हल्ला बोल विरोध के बाद लिया है। शिवराज सिंह ने इस फरमान को इमर्जेंसी...
भोपाल(इजहार हसन खान): मध्य प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को पुरुषों की नसबंदी का दिया गया फरमान वापस ले लिया है। सरकार ने यह फैसला बीजेपी और मीडिया के हल्ला बोल विरोध के बाद लिया है। शिवराज सिंह ने इस फरमान को इमर्जेंसी पार्ट-2 का नाम दिया तो मीडिया ने इसे संजय गांधी के 1975 के फरमान से जोड़ दिया। दरअसल, प्रदेश सरकार ने पुरुषों की नसबंदी को लेकर स्वास्थ्य विभाग को टारगेट दिया था। इसके तहत हर महीने 5 से 10 पुरुषों के नसंबदी ऑपरेशन करवाना अनिवार्य कर दिया था। ऐसा नहीं करने पर कर्मचारियों को नो-वर्क, नो-पे के आधार पर वेतन नहीं देने की बात कही थी।
इतना ही नहीं नए फरमान के बाद कर्मचारियों को परिवार नियोजन के लिए लोगों में जागरुकता लाने के लिए घर-घर जाकर लोगों को नसबंदी के लिए मनाना था। लेकिन राज्य सरकार के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी और मीडिया ने इसका पूरजोर विरोध किया और प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को परिवार नियोजन के अभियान के तहत टारगेट पूरा करने के निर्देश वापस ले लिए।