Edited By meena, Updated: 04 Dec, 2024 05:50 PM
गुना में वन विभाग ने बेहद संवेदनशील माने जाने वाले वन परिक्षेत्र बीनागंज में 200 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा लिया है...
गुना (मिस्बाह नूर) : गुना में वन विभाग ने बेहद संवेदनशील माने जाने वाले वन परिक्षेत्र बीनागंज में 200 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा लिया है। इस इलाके से वन भूमि को दबंगों के कब्जे से छुड़ाने के लिए वन विभाग 2 सालों से मशक्कत कर रहा था। साल 2022 में विभाग की ओर से अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन वहां अतिक्रमणकारियों ने पथराव कर डिप्टी रेंजर को लहूलुहान कर दिया था।
वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बीनागंज वन परिक्षेत्र के सह परिक्षेत्र कुंभराज की खेड़ी खजूरी बीट में अंजाम दी गई है। इस दौरान वन विभाग, राजस्व, पुलिस विभाग से 250 से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों ने मोर्चा संभाला और पागाड़ीघटा गांव में 200 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा लिया है। वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए शासन द्वारा जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था। हर महीने इस अभियान की समीक्षा की जा रही है। इसी दौरान पगाड़ीघटा को संवेदनशील क्षेत्र मानते हुए इसे चिन्हित किया गया और बुधवार को वन मंडल अधिकारी अक्षय राठौर के मार्गदर्शन रेंजर सौरभ द्विवेदी, थाना प्रभारी मृगवास, तहसीलदार कुंभराज सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचे। कार्रवाई के बाद वन भूमि को सुरक्षित करने के लिए 15 बुलडोजर का भी इस्तेमाल किया गया। जिसकी वजह से पूरी जमीन में गड्ढे खोद दिए गए हैं, ताकि दबंग द्वारा इस जमीन पर कब्जा न कर लें।
क्या हुआ था 2022 में
वन विभाग द्वारा बुधवार को अंजाम दी गई अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को इसलिए महत्वपूर्ण बताया जा रहा है कि क्योंकि इसी इलाके से 2022 में भी वन विभाग का अमला अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने पहुंचा था। 23 दिसबंर 2022 को की जा रही कार्रवाई के दौरान अतिक्रमणकारियों ने पथराव कर दिया। जिसके बाद वन विभाग के अमले को वापस लौटना पड़ा था। इस दौरान डिप्टी रेंजर मुरारीलाल शर्मा जख्मी हो गए थे। जिनकी कई दिनों तक इंदौर में इलाज कराना पड़ा था।
अब तक हुईं 11 कार्रवाई
गुना वन मंडल के अंतर्गत बीनागंज वन परिक्षेत्र में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ यह अब तक की 11वीं और बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले बटावदा में 150 बीघा, चारणपुरा में 80 बीघा, सगोडिय़ा में 90 बीघा, चांचौड़ा में 15 बीघा बेशकीमती जमीनों को वन विभाग अतिक्रमण मुक्त करवा चुका है।
वन भूमि पर कब्जे को लेकर सामना आया पन्हेटी कांड
वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर आए दिन विवाद हो रहे हैं। एक अतिक्रमण हटाने के दौरान वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को ऐड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। दूसरी ओर अतिक्रमणकारी आपस में उलझ रहे हैं। जिसका ताजा उदाहरण बमौरी क्षेत्र का पन्हेटी कांड है। जहां बंजारा और भील समाज के बीच विवाद के दौरान गल सिंह भिलाला नामक वृद्ध की हत्या हो चुकी है। इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप भील समाज द्वारा बंजारा समाज के 12 टपरों को आग लगा दी गई। यह मामला अभी भी चर्चाओं में बना हुआ है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, आईजी अरविंद कुमार सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी यहां का दौरा कर चुके हैं।