Edited By meena, Updated: 05 Aug, 2025 12:47 PM

भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक और विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के खिलाफ दुष्कर्म के गंभीर आरोपों...
भोपाल (इजहार हसन) : भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक और विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के खिलाफ दुष्कर्म के गंभीर आरोपों की जांच अब दोबारा शुरू होगी। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में भोपाल रेंज के डीआईजी स्तर के अधिकारी की निगरानी में जांच कराने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि हेमंत कटारे की गिरफ्तारी फिलहाल नहीं की जाएगी, बशर्ते वे जांच में पूरा सहयोग करें।
हेमंत कटारे बोले यह राजनीतिक बदले की भावना
फैसले के बाद हेमंत कटारे ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूरी कार्यवाही राजनीति से प्रेरित है। सरकार बदले की भावना से जांच करवा रही है। मैंने जल जीवन मिशन और सौरभ मामले में भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए थे, जिससे सरकार बौखला गई है और मेरे खिलाफ दबाव बनाने के लिए यह सब किया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष बोले दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा सम्मान करते हैं। जांच से सब स्पष्ट हो जाएगा। अभी कुछ भी सिद्ध नहीं हुआ है, इसलिए किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगी। वहीं कांग्रेस विधायक फूलसिंह बारेया ने भी कटारे के समर्थन में खड़े होते हुए कहा कि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित प्रतीत होती है।
सत्ता पक्ष का पलटवार: न्यायालय के आदेश का सबको पालन करना चाहिए
बीजेपी विधायक भगवान दास सबनानी ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उसका पालन सत्ता और विपक्ष दोनों को करना चाहिए। जांच में सभी तत्व सामने आ जाएंगे।
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि विपक्ष को न्यायपालिका पर भरोसा नहीं है। विपक्ष की आदत है कि वह अदालत के हर आदेश पर सवाल उठाता है, जबकि सच्चाई यही है कि न्यायालय ही अंतिम निर्णय करता है।
क्या है पूरा मामला
वर्ष 2018 में पत्रकारिता की एक छात्रा ने हेमंत कटारे पर दोस्ती की आड़ में दुष्कर्म, अपहरण और धमकी देने जैसे संगीन आरोप लगाए थे। इस मामले में तत्कालीन राजनीतिक माहौल गर्म रहा था। अब, सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद यह मामला फिर से सियासी और कानूनी बहस के केंद्र में आ गया है।
अगला कदम क्या होगा
DIG स्तर के अधिकारी अब इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि जांच निष्पक्ष और समयबद्ध हो। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब सबकी निगाहें जांच की प्रक्रिया और उसके निष्कर्ष पर टिकी हैं।