बाजीराव पेशवा (प्रथम) की समाधि स्थल को सीएम शिवराज का प्रणाम! 'वीरभूमि' के लिए किए बड़े ऐलान

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 19 Aug, 2021 12:19 PM

salute to cm shivraj at the tomb of bajirao peshwa 1st

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारत मां के वीर सपूत पेशवा बाजीराव प्रथम की जयंती पर आज उनके समाधि स्थल रावेरखेड़ी पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज...

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारत मां के वीर सपूत पेशवा बाजीराव प्रथम की जयंती पर आज उनके समाधि स्थल रावेरखेड़ी पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज इस पुण्य स्थली में आकर वे धन्य हो गए हैं। भारत मां ने अनेक वीरों को जन्म दिया है। बाजीराव पेशवा उन्हीं महान सपूतों में सिरमौर हैं।

PunjabKesari

मुख्यमंत्री चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी का स्मरण करते हुए कहा कि स्वर्गीय श्री बाजपेयी जी ने कहा था कि यह देश हमारे लिए ज़मीन का टुकड़ा नहीं है अपितु यह मां का जीवित स्वरूप है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत माता का अखंड स्वरूप हमारे लिए वन्दनीय हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्धृत विभाजन विभीषिका दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें खंडित आज़ादी मिली थी। लव कुश का लाहौर, अधूरा पंजाब, हिंगलाज मैया और ढाकेश्वरी देवी का मंदिर सभी आज हमारी सीमाओं से परे हैं। भारत माँ की रक्षा, एकता और अखण्डता के लिए वीर बाजीराव पेशवा सहित अनेकों वीरों ने अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। मुख्यमंत्री चौहान ने बाजीराव पेशवा के पराक्रम, वीरता और साहस के अनेकों प्रसंगों को दोहराया। उन्होंने कहा कि वीर बाजीराव की वीरता और पराक्रम, युद्ध कौशल और रणनीति का पाठ विदेशों के सैन्य संस्थानों में भी पढ़ाया जाता है। उन्होंने कहा कि महाराजा छत्रसाल का राज्य उन्होंने युद्ध जीतकर वापस लौटाया। जब उन्होंने दिल्ली कूच किया तो औरंगज़ेब के पोते की घिग्गी बंध गई। बाजीराव पेशवा की वीरता और पराक्रम से निज़ाम की घेराबंदी का रणनीतिक कौशल इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है।

PunjabKesari

वीर भूमि के जीर्णोद्धार और विस्तारीकरण की रूपरेखा तैयार...
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर के साथ मिलकर उन्होंने इस वीर भूमि के जीर्णोद्धार और विस्तारीकरण की पूरी रूपरेखा बनायी है। उन्होंने कहा कि यहाँ होने वाले सभी निर्माण कार्यों में मराठा शिल्प का ही उपयोग किया जाएगा। यहाँ आने वाले पर्यटकों और माँ नर्मदा की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं के लिये आश्रय स्थल बनाया जाएगा।

PunjabKesari

रावेरखेड़ी मेरे लिए भावनात्मक स्थल : केन्द्रीय मंत्री सिंधिया

केन्द्रीय नागरिक उड्उयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि रावेरखेड़ी उनके लिए बेहद भावनात्मक स्थल है। उनके पूर्वजों ने यहाँ  बाजीराव पेशवा की समाधि बनायी थी। श्री सिंधिया ने कहा कि मध्यकाल में जब चारों तरफ़ से भारत माँ को घेरने की कोशिश विदेशी आक्रांताओं द्वारा की जा रही थी, तब डेढ़ सौ सालों तक वीर मराठाओं ने भारत भूमि की अस्मिता बचाने का पराक्रम किया। वीर शिवाजी ने मुगलों के सामने कभी घुटने नहीं टेके। अटक से लेकर कटक तक हिन्दवी साम्राज्य का भगवा ध्वज मराठाओं ने फहराया था। श्री सिंधिया ने कहा कि पेशवा का शब्द अंग्रेजों द्वारा बिगाड़ा गया, पेशवा का सही उच्चारण पेशवे होता है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि रावेरखेड़ी में होने वाले सम्पूर्ण निर्माण में मराठा शिल्प का उपयोग किया जाए। मराठाओं की परंपरा के अनुरूप हर निर्माण का आधार काले पत्थरों से हो।

संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि रावेरखेड़ी में बाजीराव पेशवा के समाधि स्थल के जीर्णोद्धार और विकास की योजना बनाई गई। उस पर मुख्यमंत्री चौहान ने उत्साह और तत्परतापूर्वक स्वीकृति दी। उनकी मंशा के अनुरूप रावेरखेड़ी नई पहचान बनाने की ओर अग्रसर हो रहा है।


PunjabKesari

झरोखे से किया मां नर्मदा का पूजन ... 
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समाधि स्थल पर भगवान शिव का पूजन किया और पेशवा बाजीराव की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। अतिथियों ने समाधि स्थल पर बने परकोटे से पुण्य-सलिला मां नर्मदा का दर्शन और पूजन किया।

खरगोन ज़िले की सनावद तहसील में स्थित रावेरखेड़ी में आज उत्साह और भावनाओं से ओतप्रोत वातावरण था। ग्रामवासियों ने गांव को भगवा रंग के झंडों से सजाया था। पुण्य-सलिला मां नर्मदा के तट पर स्थित रावेरखेड़ी गांव में बाजीराव पेशवा प्रथम की समाधि निर्मित है। सन 1700 में आज के ही दिन उनका जन्म हुआ था। महज़ 40 बरस की आयु में उनकी मृत्यु इसी स्थान पर 18 अप्रैल 1740 को हुई थी। चौथे मराठा छत्रपति शाहूजी महाराज के समय सन 1720 में उन्हें पेशवे अर्थात प्रधानमंत्री का पद दिया गया था। आज जिस छतरी में यह भावपूर्ण आयोजन हुआ उसे वृंदावन भी कहा जाता है। इस अवसर पर कृषि एवं किसान-कल्याण और खरगोन ज़िले के प्रभारी मंत्री श्री कमल पटेल, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री गजेन्द्र सिंह पटेल, विधायक श्री नारायण पटेल एवं श्री सचिन बिरला, अन्य जन-प्रतिनिधि और श्रीमंत बाजीराव पेशवा प्रथम स्मृति प्रतिष्ठान के सदस्य उपस्थित थे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!