Edited By meena, Updated: 10 Jun, 2025 05:31 PM

पन्ना टाइगर रिजर्व को आबाद करने वाली करिश्माई बाघिन टी-2 नहीं रही...
पन्ना (टाइगर खान) : पन्ना टाइगर रिजर्व को आबाद करने वाली करिश्माई बाघिन टी-2 नहीं रही। इस बाघिन को "मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व कहा जाता है। जिसका शव 28 मई को उत्तर वन मंडल के अमरझाला वीट में मिला था, तब इसकी पहचान नहीं हो पाई थी, लेकिन अब प्रबंधन के द्वारा रिकॉर्ड के माध्यम से इसकी पहचान टी-2 के रूप में की है। वह टी-2 बाघिन जिसने पीटीआर को बाघों से गुलजार किया।
बता दें कि वर्ष 2008 में पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघों के विलुप्त हो जाने पर पीटीआर में बाघ पुनर्स्थापना योजना वर्ष 2009 में प्रारम्भ की गई, जिसके अन्तर्गत प्रथम बाघ के रूप में बाघिन टी-01 बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से 04 मार्च 2009 को लाई गई, इसी तारतम्य में 09 मार्च 2009 को बाघिन टी-02 कान्हा टाइगर रिजर्व से एयर फोर्स के विमान द्वारा पीटीआर में लाई गई थी। बाघिन टी-02 को सॉफ्ट रिलीज करने के लिए 2 से 3 दिवस बड़गड़ी में स्थित "बाघ बाड़ा" में रखा गया, इसके उपरान्त बाघिन टी-02 को स्वच्छंद विचरण करने के लिए छोड़ दिया गया। बाघिन टी-02 द्वारा पेंच टाइगर रिजर्व से लाए गए नर बाघ टी-03 के साथ प्रजनन कर 07 लिटर में 21 संतानों को जन्म दिया गया एवं बाघिन टी-02 की चार पीढ़ीयों से कुल 85 संताने हैं।

अपने पूरे जीवनकाल में बाघिन टी-02 का मूवमेन्ट पन्ना टाइगर रिजर्व अन्तर्गत परिक्षेत्र हिनौता, गहरीघाट, पन्ना कोर, मड़ला, पन्ना (गंगऊ) अभ्यारण्य एवं उत्तर वनमण्डल पन्ना के देवेन्द्रनगर वन परिक्षेत्र में रहा। इस करिश्माई बाघिन के शावक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, संजय टाइगर रिजर्व, रानीपुर वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी, चित्रकूट के जंगल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, सतना फॉरेस्ट डिवीजन, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, संजय टाइगर रिजर्व सीधी, माधव नेशनल पार्क, शिवपुरी एवं पन्ना लेण्डस्केप में स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं। फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि बाघिन टी-02 द्वारा लगभग 19 वर्ष की आयु पूर्ण की गई, जो किसी भी फ्री रेन्जिग बाघों की अधिकतम आयु में से एक है।