सरकार करवाए हैलीकॉप्टर की व्यवस्था तब डालने जाएंगे वोट, पंचायत चुनाव से पहले गांव वालों की अनोखी मांग

Edited By meena, Updated: 17 Jun, 2022 05:02 PM

unique demand of villagers before panchayat elections

जिले के गंगेव जनपद के सेंदहा ग्राम पंचायत स्थित नेवरिया गांव से जहां पर सरकार और स्थानीय नेताओं के द्वारा किये गए खोखले दावो से नाराज ग्रामीणों ने त्रिस्तरीय पंचायत में वोट डालने के लिए हैलीकॉप्टर या फिर हवाई जहाज की मांग की है।

रीवा(सुभाष मिश्रा): रीवा जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान चल रहे सियासी घमासान के बीच एक अलग ही तस्वीर निकल कर सामने आई है। जिले के गंगेव जनपद के सेंदहा ग्राम पंचायत स्थित नेवरिया गांव से जहां पर सरकार और स्थानीय नेताओं के द्वारा किये गए खोखले दावों से नाराज ग्रामीणों ने त्रिस्तरीय पंचायत में वोट डालने के लिए हैलीकॉप्टर या फिर हवाई जहाज की मांग की है। दरअसल, ग्रामीणों ने सरकार से यह अनोखी मांग इस लिए की है कि गांव से पोलिंग बूथ तक पहुंच मार्ग की हालत बेहद खराब है। साथ ही बारिश के दिनों में चुनाव के दौरान ग्रमीणों का पोलिंग बूथ तक पहुंच पाना काफी मुश्किल होगा जिसके चलते सेंदहा ग्राम पंचायत के ग्रमीणों का कहना है कि सेंदहा से नेवरिया गांव के पोलिंग में पहुंच कर वोट डालने के लिए हैलीकॉप्टर या फिर आवश्यकता पड़ेगी। सरकार उनकी मांग पूरी करे अन्यथा वह वोट डालने से वंचित रह जाएंगे। 

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रीवा जिले में कुछ ऐसे ग्राम पंचायतें है। जहां पर आजादी के 75 वर्ष बीत जाने बाद भी कुछ गांव ऐसे है जो कि मूलभूत सुविधाओ से आज भी वंचित है। चुनाव नजदीक आते ही क्षेत्र के नेता वोट मांगने जनता के बीच जाते हैं और चुनाव संपन्न होते ही वही नेता जनता से किया हुआ वादा भूल जाते है। सेदहा ग्राम पंचायत से लगे ग्राम नेवरिया में आज भी आने जाने के लिए कोई भी पक्की सड़क नहीं है। हालात यह हैं कि ग्राम नेवरिया के लोग बरसात के दिनों में 3 से 4 महीने गांव से बाहर निकलने के लिए और गांव में प्रवेश करने के लिए 100 बार सोचते हैं। राजनीतिक रसूख के चलते कुछ सरपंच प्रत्याशियों ने पहले से निर्धारित सेदहा ग्राम के पोलिंग स्टेशन क्रमांक 97 को बदलकर नेवरिया में करवा दिया था। ग्रामीण और पीड़ित जनों के द्वारा बताया गया कि इसका कारण यह था कि उस विशेष चुनाव प्रत्याशी के वोट सेदहा ग्राम में कम थे। इसलिए उसने नेवरिया में पोलिंग स्टेशन करवा दिया।
 

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जब मामले की शिकायक्त नील के वरिष्ठ अधिकारियों से की गई तो मनगवां के एसडीएम श्री ए के सिंह को जांच कर 3 दिन के अंदर प्रतिवेदन देने के लिए कहा गया। एसडीएम ने नेवरिया में जाकर नेवरिया के लोगों से ही पंचनामा हस्ताक्षर करवाकर प्रतिवेदन दे दिया और बताया कि नेवरिया के लोग चाहते हैं कि पोलिंग स्टेशन न बदला जाए। लेकिन सवाल यह था कि शिकायत तो सेदहा और भमरिया के लोगों के द्वारा की गई थी और उन्होंने पोलिंग स्टेशन बदलने की मांग की थी न कि नेवरिया के लोगों ने। सेदहा और भमरिया के लोगों का यह कहना है कि सेदहा और भमरिया के लिए पोलिंग स्टेशन सुलभता को देखते हुए सेदहा में किया जाय।

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सेदहा ग्राम पंचायत में नेवरिया ग्राम से पोलिंग स्टेशन सेदहा और भमरिया के लिए अलग किए जाने की जो मांग उठी है उसमें सेदहा और भंवरिया के कुल मतदाताओं में 85 प्रतिशत से अधिक हरिजन और आदिवासी मतदाता हैं जबकि सेदहा और भमरिया के कुल मतदाताओं की संख्या 409 है। वहीं नेवरिया ग्राम के अधिकतर मतदाता सामान्य वर्ग के हैं एवं उनकी संख्या 373 है। इस प्रकार भमरिया एवं सेदहा ग्राम के लोगों का का कहना है कि सरकार क्षेत्र की जनता को वोट डालने पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए सरकार या तो सुगम रास्ते की व्यवस्था करवाये या फिर उन्हें गांव से पोलिंग बूथ तक पहुंचेंने के लिए हैलीकॉप्टर या फिर हवाई जहाज का इंतेजाम करवाएं।

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वही पूरे मामले को लेकर अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह का कहना है कि मामले की जानकारी मीडिया के द्वारा प्राप्त हुई है। ग्रामीणों की मांग है पोलिंग बूथ तक जाने के लिए जो सड़क खराब है उसकी मरम्मत करवाई जाए अन्यथा वह वोट डालने से वंचित रह जाएंगे। ग्राम पंचायत निरीक्षण करवाया जा रहा है। सड़क खतरे में दर्ज है या फिर नक्शे में उसका अस्तित्व है या नहीं है इसकी जांच कराई जाएगी। ग्रामीणों के चर्चा करके जो भी वैधानिक कार्यवाही होगी वह की जाएगी।

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