Edited By meena, Updated: 03 Jul, 2024 05:55 PM
धर्म और आस्था के नाम पर तमाम तथ्य बे मायने से लगते हैं क्योंकि विश्वास और अंध विश्वास में बारीक लकीर होती है...
छतरपुर ( राजेश चौरसिया ) : धर्म और आस्था के नाम पर तमाम तथ्य बे मायने से लगते हैं क्योंकि विश्वास और अंध विश्वास में बारीक लकीर होती है और ये लकीर कब टूट जाती है इंसान को खुद ही नहीं मालूम चलता है। हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुआ हादसा इसका जीता जागता उदाहरण है। जहां भगदड़ मची और देखते ही देखते 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। लेकिन इसे मौत नहीं हत्या कहा जाना चाहिए क्योंकि जहां बाबा आस्था के नाम पर लाखों की भीड़ तो जमा कर लेते हैं लेकिन उनके रहने बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होती है।
वहीं दूसरी ओर हाथरस कांड ने तमाम बाबाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिनके प्रवचन सुनने और दर्शन करने लाखों लोग आते हैं। छतरपुर के बागेश्वर धाम में भी पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। लेकिन इन हजारों, लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए न तो बागेश्वर धाम कोई खास इंतजाम करता है ना ही पुलिस प्रशासन। 4 जुलाई को धीरेंद्र शास्त्री का जन्मोत्सव मनाया जाना है, और इसके लिए पूरे देश से उनके भक्त बागेश्वर धाम पहुंच रहे हैं। आलम यह है कि वहां लाखों की संख्या में भक्त पहुंच चुके हैं। लेकिन व्यवस्था नाम मात्र की है या यूं कहे कि हाथरस जैसे हादसे को बागेश्वर धाम में न्योता दिया गया था। लेकिन दो दिन पहले ही हाथरस में सैंकड़ों लोगों की जान चली गई। इससे सबक लेते हुए इसे डर कहें या सोच समझ कि बागेश्वर बाबा ने 3 जुलाई को ही एक बड़ा ऐलान कर दिया।
4 जुलाई के लिए जुटी लाखों लोगों की भीड़, हाथरस हादसे के बाद जागे बाबा, की ये अपील
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का 4 जुलाई को जन्मदिन है। इसके लिए भव्य आयोजन की तैयारियां की गई थी। लाखों लोगों की भीड़ देख गदगद बाबा ने इसे आस्था का सैलाब बताया। खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर कहा इसे भाड़े की भीड़ नहीं बल्कि विश्वास और आस्था का सैलाब कहिए जैसी बातें लिखी। लेकिन एक दिन पहले ही हाथरस में हादसा हो गया और कई अनमोल जिंदगियां मौत के आगोश में समा गई। ऐसे में बाबा ने सुबह सुबह होते होते एक वीडियो जारी किया जिसमें कहा कि मेरे जन्मदिन घर पर ही मनाएं बागेश्वर धाम आने की जरूरत नहीं है। जहां पहले ही भीड़ जुट चुकी है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या बाबा हाथरस हादसे का इंतजार कर रहे थे कि उससे सबक लेंगे।
सब कुछ तय था, लेकिन हाथरस की घटना से बदला कार्यक्रम
बता दें बागेश्वर धाम में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जन्म दिवस को लेकर जोर शोर से तैयारियां चल रही थी, 4 जुलाई को बागेश्वर धाम में भजन संध्या का आयोजन भी रखा गया था। प्रोग्राम में गायक मनोज तिवारी आने वाले थे। कार्यक्रम में बहुत से लोगों के आने की उम्मीद भी लगाई जा रही थी। 2 जुलाई की को ही बागेश्वर महाराज ने तीन दिवसीय कार्यक्रम का ऐलान किया था। जिसमें 3 जुलाई को दरबार लगने, 4 जुलाई को जन्मोत्सव मनाने और 5 जुलाई को दीक्षांत समारोह और उसके बाद कथा वाचन की बात कही गई थी। इसके बाद गुरु पूर्णिमा यानी 19 जुलाई के कार्यक्रम का जिक्र किया गया था।
बता दें कि बागेश्वर धाम में अव्यवस्थों की खबरें आती ही रहती हैं। बीच बीच में भक्तों के लापता और मृत्यु के मामले भी आते हैं। लेकिन जिला प्रशासन का यहां की कानून व्यवस्था की तरफ कोई ध्यान नहीं है। बागेश्वर धाम प्रशासन भी बस कमाई में लगा है। लाखों की भीड़ को कैसे मैनेज किया जाएगा इस पर कोई खास खयाल नहीं रखा जाता। सवाल ये उठता है कि हाथरस जैसे कांड का इंतज़ार किया जा रहा है क्या, क्या लाखों भक्तों की जान को जोखिम में नहीं डाला जा रहा है। गर्मी और उमस के दिनों में लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है। रही बात दर्शन की तो सोशल मीडिया के जमाने में उसका बखूबी उपयोग करें जिससे आपकी आस्था भी बनी रहेगी और आमजनमानस सुरक्षित भी रहेगा। जिससे कि अनावश्यक और जानलेवा भीड़ एकत्रित न हो सकेगी।