Edited By meena, Updated: 25 Nov, 2020 03:21 PM
मध्यप्रदेश में व्यापक स्तर पर दल बदल के बाद बीजेपी में आंतरिक हलचल का दौर जारी है। जैसा कि पहले कयास लगाया जा रहे थे, कि सिंधिया के साथ बीजेपी में आए हजारों कांग्रेसियों को एडजस्ट करना सत्तारूढ़ पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा, कमोवेश वैसे ही...
भोपाल(हेमंत चतुर्वेदी): मध्यप्रदेश में व्यापक स्तर पर दल बदल के बाद बीजेपी में आंतरिक हलचल का दौर जारी है। जैसा कि पहले कयास लगाया जा रहे थे, कि सिंधिया के साथ बीजेपी में आए हजारों कांग्रेसियों को एडजस्ट करना सत्तारूढ़ पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा, कमोवेश वैसे ही हालात अभी नजर आ रहे हैं। शिवराज सिंह द्वारा कैबिनेट विस्तार को फौरी तौर पर टालना और व्यापक स्तर पर मंथन के बाद टीम वीडी का फाइनल न हो पाना इसी तरफ संकेत कर रहा है। आलम कुछ यह हो गया है, कि खुद बीजेपी के लिए यह चुनौती सिरदर्द साबित हो रही है और वह ज्योतिरादित्य सिंधिया से को-ऑपरेट करने की मांग कर रहे हैं।
किस बात पर फंस रहा है पेंच ?
सिंधिया के साथ बीजेपी के दिग्गजों के दबाव के चलते शिवराज सिंह ने तो मंत्रिमंडल विस्तार को टाल दिया है, लेकिन इस वक्त बीजेपी कार्यकारिणी के गठन में हो रही एक एक दिन की देरी पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रही है और इस विस्तार के पीछे अगर कोई पेंच है तो वो हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया। दरअसल उपचुनाव के बीच बीजेपी ने महामंत्रियों की नियुक्ति कर दी थी, उस दौरान सिंधिया खेमे को किसी तरह की तरजीह नहीं दी गई, लेकिन उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद सिंधिया पूरा हिसाब करने के मूड में है और उपाध्यक्ष पद पर अपनों को एडजस्ट करके की कोशिश में लगे हुए हैं। सिंधिया ने इसके लिए तीन नाम आगे भी बढ़ा दिए हैं और उनका कहना है, कि मीडिया पेनलिस्ट के अलावा इन तीन नामों को सम्मानजनक पद दिया जाए।
सिंधिया की डिमांड, बीजेपी की परेशानी
दरअसल सिंधिया का कहना है, कि हाटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी, भांडेर विधायक रक्षा संतराम और पंकज चतुर्वेदी को संगठन में सम्माजनक पद पर एडजस्ट किया जाए। महामंत्रियों की नियुक्ति के बाद अब संगठन में सम्मानजनक पद के नाम पर सिर्फ उपाध्यक्ष पद ही रह गया है, जिसके लिए भी बीजेपी के दर्जनों दावेदार तैयार बैठे हैं। खबर तो यह भी है, कि मंत्री पद के कई दावेदारों को भी बीजेपी उपाध्यक्ष ही बनाएगी, और अगर सिंधिया समर्थक चेहरों को इस पोस्ट पर एडजस्ट किया जाता है, कि तो एक बार फिर बीजेपी के खांटी नेता उपेक्षित रह सकते हैं। हालांकि बीजेपी इन तीन चेहरों को संगठन में एडजस्ट करने की बात तो मान गई है, लेकिन अब वह उनकी जिम्मेदारियों को लेकर मंथन कर रही है। जिससे पार्टी के अन्य नेता भी सम्मानजनक पद पर काबिज हो सकें। इसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया से पार्टी के साथ को-ऑपरेट करने की मांग की गई है।