Edited By meena, Updated: 07 Apr, 2025 12:48 PM

मध्यप्रदेश के दमोह जिला मुख्यालय स्थित एक अस्पताल में कथित तौर हृदय के नकली डॉक्टर द्वारा आधा दर्जन से...
भोपाल : मध्यप्रदेश के दमोह जिला मुख्यालय स्थित एक अस्पताल में कथित तौर हृदय के नकली डॉक्टर द्वारा आधा दर्जन से अधिक ऑपरेशन करने और इसकी वजह से 7 की मौत का मामला सामने आने के बाद दमोह पुलिस ने मामला दर्ज किया है। दमोह सीएसपी अभिषेक तिवारी ने संवाददाताओं को बताया कि कोतवाली पुलिस में एक एफआईआर पंजीबद्ध हुई है, जिसमें मिशन अस्पताल के डॉक्टर एनजोन केम के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज पेश करने की बात है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से पुलिस में इस बारे में प्रतिवेदन आया था। प्रतिवेदन में कहा गया था कि डॉ नरेंद्र एनजोन केम ने फर्जी तरीके से एंजियोप्लास्टी करते हुए अपनी सेवाएं दीं।
उन्होंने कहा कि डॉ नरेंद्र एनजोन केम के दस्तावेज संदेहास्पद पाए गए थे, जिनकी जांच चिकित्सों की टीम ने की थी। दस्तावेज संदेहास्पद पाए जाने के बाद एफआईआर दर्ज की गई। डॉक्टर का पंजीकरण मध्यप्रदेश में ना होते हुए भी वो यहां अभ्यास कर रहा था। इसके अलावा आंध्रप्रदेश में पंजीकरण का दावा किया गया था, लेकिन वो पंजीयन वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं हो रहा है। ऐसी ही कई बातें सामने आई हैं। ये सब बातें चिकित्सीय अभ्यास को संदेहास्पद बनाती हैं। अस्पताल में कथित तौर पर डॉक्टर केम के इलाज के बाद कुछ लोगों की मौत के मामले में तिवारी ने कहा कि अभी इस प्रकार का कोई तथ्य एफआईआर में उल्लेखित नहीं है।
आगे अगर जांच के दौरान ऐसा कुछ सामने आएगा तो उसे उल्लेखित किया जाएगा। आरोपी की तलाश की जा रही है। इसी बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने इस संबंध में कहा कि इस मामले में सीएमएचओ भी अपराध के भागीदार हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले दो महीने से दमोह कलेक्टर को भी इस बात की जानकारी थी कि ऐसी घटना हुई है। कलेक्टर ने दो महीने तक कोई कारर्वाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि दमोह कलेक्टर अस्पताल के संचालक को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग की टीम आज जांच के लिए अस्पताल पहुंच रही है।