Edited By meena, Updated: 28 Jan, 2021 03:19 PM
देवास की रहने वाली 45 वर्षिय यह महिला पिछले दो महीने से पेट की प्रॉब्लम से परेशान थी। उसका पेट लगातार फूलता जा रहा था। उसे मधुमेह था। उसने जब एमआरआई करवाई तो पता चला कि उसके अंडाशय में 17 किलो की गठान है। जिसकी वजह से उसे सांस लेने, उठने बैठने में...
इंदौर(सचिन बहरानी): कहते हैं कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रुप होता है और अगर कोशिश दिल से हो तो इंसान को नया जीवन भी मिल जाता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया एमवाय अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के डॉक्टरों की टीम ने। जहां एक महिला की जटिल सर्जरी कर उसके अंडाशय से 17 किलो की गठान निकाल दी।
जानकारी के मुताबिक, देवास की रहने वाली 45 वर्षिय यह महिला पिछले दो महीने से पेट की प्रॉब्लम से परेशान थी। उसका पेट लगातार फूलता जा रहा था। उसे मधुमेह था। उसने जब एमआरआई करवाई तो पता चला कि उसके अंडाशय में 17 किलो की गठान है। जिसकी वजह से उसे सांस लेने, उठने बैठने में परेशान आने लगी। डॉ. सुमित्रा यादव के अनुसार, जब मरीज अस्पताल में भर्ती हुई तो उसकी कंडीशन बहुत खराब थी।
सबसे पहले एक महीना अस्पताल में रखकर उसका शुगर लेवल कंट्रोल किया। इसके बाद गुरुवार को उसकी सफल सर्जरी की गई। इस गठान की वजह से महिला का पेट काफी बड़ा दिखता था। डॉ. यादव ने बताया कि यह गठान इतनी बड़ी थी कि उसका वजन नापने के लिए नवजात शिशुओं का वजन नापने वाली मशीन भी काम नहीं आ सकी। इसके लिए अलग से बड़ी मशीन का उपयोग किया गया। एमवायएच में पहली सर्जरी करके 17 किलो की गठान अंडाशय से निकाली गई है।
उन्होंने कहा कि गठान को एकदम से बाहर निकालते तो ब्लड प्रेशर कम होने से मरीज के शॉक में जाने की आशंका थी। इसलिए सबसे पहले महिला का ब्लड प्रेशर कंट्रोल किया। डॉक्टरों के लिए ऑपरेशन करना चुनौतीपूर्ण था। इस जटिल ऑपरेशन में डॉ. सुमित्रा यादव की यूनिट में डॉ. विभा मोसेज, डॉ. सुरभि पोरवाल, डॉ. सपना चौरसिया, डॉ. श्रद्धा पालीवाल, डॉ. दीपमाला चौहान, डॉ. प्रशस्ति मेहता व अन्य डॉक्टरों की टीम के सहयोग से किया गया।