अचानक उठ बैठा मुर्दा बोला- अभी मैं जिंदा हूं! खुशी में बदले आंसू, कईयों के पैरों तले खिसक गई जमीन

Edited By meena, Updated: 15 Jul, 2021 05:52 PM

आंखों में आंसू लिए घरवाले मुर्दे को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने वाले थे लेकिन ये क्या मुर्दा उठ बैठा और बोला अरे अभी मैं जिंदा हूं...यह सुनते ही संस्कार में शामिल लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई वहीं घर वाले जो उनकी मौत पर आंसू बहा रहे थे उनके...

छतरपुर(राजेश चौरसिया): आंखों में आंसू लिए घरवाले मुर्दे को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने वाले थे लेकिन ये क्या मुर्दा उठ बैठा और बोला अरे अभी मैं जिंदा हूं...यह सुनते ही संस्कार में शामिल लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई वहीं घर वाले जो उनकी मौत पर आंसू बहा रहे थे उनके चेहरों पर खुशी लौट आई। जी हां बेहद हैरान कर देने वाला यह मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर से सामने आया है।

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दरअसल, लवकुशनगर थाना क्षेत्र के चंदला रोड पर 96 वर्षीय मनसुख कुशवाहा जो कि लगभग 2 वर्षों से बीमार चल उनका निधन हो गया। बुजुर्ग की मौत की खबर उन्होंने आस-पास के लोगों सहित रिश्तेदारों को भी कर दी, जहां रिस्तेदारों,  पड़ोसियों ने पहुंच कर अंतिम संस्कार की सारी तैयारियां कर लीं। घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल था, अर्थी सजा दी गई लेकिन जैसे ही उन्हें संस्कार के लिए ले जाया जाने लगा तो मनसुख कुशवाहा एकदम से बोल उठे ये सब ख़या चल रहा है... "मैं अभी जिंदा हूं"

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बुजुर्ग को देख सब लोग स्तब्ध रह गए और रोना-धोना बंद कर दिया और अब उनकी आंखों में गम की बजाय खुशी के आंसू छलक रहे थे। बेटों कहना है कि उनके पिता भगवान के घर से लौट आए हैं, वहीं अब जो भी इस बारे में सुन रहा है वह बुजुर्ग मनसुख को देखने उनके घर पहुंच रहा है। यहां लोगों का उन्हें देखने के लिए तांता लगा हुआ है।

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उनके पुत्र ने बताया कि 96 वर्ष की उम्र होने के चलते वे 2 साल से बहुत बीमार थे, और उनके शरीर में कमजोरी बेहद आ गई थी, लेकिन अब वह बिल्कुल ठीक हैं, और उन्हें खुशी है कि उन्हें अपने बुजुर्ग पिता की अब फिर से सेवा करने का अवसर मिला है। वह और उनके 3 बेटे और पूरा परिवार अब फिर से उनकी सेवा में लग गया है। स्थानीय लोग भी इसे भगवान का चमत्कार मान रहे हैं।
मंदिर में कलश चढ़ाने की मुराद रह गई थी अधूरी तो भगवान ने प्राण वापिस कर दिये...
वही उनकी बहू ने बताया कि उन्होंने घर के पास ही एक मन्दिर बनवाया था, जिसमे कलश चढ़ाया जाना था। और सीधे होश में आते ही बुजुर्ग बोले कि मेरी इच्छा रह गई है और मंदिर पर कलश चढ़ाना है। तो परिजनों ने तत्काल कलश मंगवाकर मंदिर पर चढ़वाया है।

 

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